गंभीर हालत में मरीज को खाट पर अस्पताल ले गए थे और निधन होने पर खाट पर ही शव को वापस लाना पड़ा। यानी मरीज को न तो एंबुलेंस से किसी तरह की सहायता नसीब हुई और न ही मरीज के निधन के बाद शव को शव वाहन। परिवार की महिलाएँ शव को खाट पर लेकर घर लौटीं।