मध्य प्रदेश के बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल लालजी टंडन को एक चिट्ठी सौंपी है, जिसमें बहुमत का दावा किया गया है। उन्होंने इसके साथ ही 106 विधायकों को राज्यपाल के सामने पेश किया है। उन्होंने यह भी कहा है कि कमलनाथ सरकार को सिर्फ 92 विधायकों का समर्थन हासिल है जो बहुमत से कम है।
सुप्रीम कोर्ट गई बीजेपी
इसके पहले विधानसभा स्थगित करने और अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान नहीं कराने के स्पीकर के फ़ैसले को बीजेपी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। शिवराज सिंह चौहान ने याचिका में कहा है कि 12 घंटे के अंदर सदन के पटल पर शक्ति परीक्षण कराया जाए।पूर्व एडवोकेट जनरल और सांसद पुरुषैंद्र कौरव ने यह जानकारी देते हुए कहा है कि याचिका पर चौहान के अलावा दूसरे 9 विधायकों ने भी दस्तख़त किए हैं। इस याचिका पर सुनवाई मंगलवार को होगी।
इसके पहले स्पीकर ने विधानसभा को 26 मार्च तक स्थगित करने की घोषणा कर दी थी। इसका कारण कोरोना संक्रमण बताया गया था।
क्या हुआ विधानसभा में?
सदन की कार्यवाही शुरु होते ही राज्यपाल लालजी टंडन ने अपना अभिभाषण पढ़ा। राज्यपाल ने अभिभाषण में कहा कि सभी लोग अपने-अपने दायित्व का पालन करें। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश की प्रतिष्ठा का ख्याल सबको रखना चाहिए।इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री गोविंद सिंह ने विधानसभा में यह प्रस्ताव रखा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए सदन की कार्यवाही 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी जाए। कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया।
सदन की कार्यवाही के दौरान विधायक गोपाल भारद्वाज ने मुख्यमंत्री के नाम राज्यपाल की लिखी चिट्ठी पढ़ कर सुनाई। इसमें फ़्लोर टेस्ट कराने की बात कही गई है।
मुख्य बातें :
- मध्य प्रदेश के राज्यपाल ने कहा- संविधान के अंर्तगत सभी नियमों का ज़रूर पालन होना चाहिए।
- मध्य प्रदेश में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव ने कहा है कि सरकार फ्लोर टेस्ट से भाग रही है, सरकार हार चुकी है।
- बीजेपी नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकार अल्पमत में आ चुकी है।
- इसके पहले राज्यपाल लाल जी टंडन ने सीएम कमलनाथ को चिट्ठी लिखकर कहा है कि विश्वास मत के दौरान वोटिंग हाथ उठाकर करवाई जाए। पत्र में लिखा गया है कि उन्हें बीजेपी की ओर से बताया गया है कि ईवीएम खराब है।
- सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले ही मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री पी. सी. शर्मा ने कहा कि सरकार फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार है, लेकिन उसके 16 विधायक गायब हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि उनके बिना फ्लोर टेस्ट कैसे हो सकता है।
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