सोशल मीडिया पर मध्य प्रदेश के रीवा का जो वीडियो वायरल हुआ था उस मामले में अजीबोगरीब ढंग से कार्रवाई की गई है। शादी से इनकार करने पर 19 साल की एक किशोरी को कैमरे के सामने बेरहमी से पीटने वाले मध्य प्रदेश के एक व्यक्ति के घर को बुलडोजर से तोड़ दिया गया है। घर तोड़ने की वजह तो नहीं बताई गई है, लेकिन मुख्यमंत्री की ओर से इतना ज़रूर कहा गया है कि 'मध्य प्रदेश की धरती पर महिलाओं पर अत्याचार करने वाला शख्स बख्शा नहीं जाएगा'। तो क्या ऐसे फ़ैसले अदालत के बाहर ही होंगे?
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के कार्यालय ने ही जब उस वीडियो को ट्वीट किया तो सोशल मीडिया पर लोगों ने सवाल उठाए और पूछा कि तब क्या न्यायालयों और जजों के फ़ैसले भी मुख्यमंत्री ही करेंगे?
मुख्यमंत्री के तौर पर अगर आप ये ट्वीट कर रहे हैं तो मुख्यमंत्री के तौर पर आपको खुलेआम ये भी कहना चाहिए कि अब सारी अदालतों को बंद करके जजों को रिटायर कर देना चाहिए। https://t.co/YWiUUYn6VS
— Vinod Kapri (@vinodkapri) December 25, 2022
शिवराज सिंह के कार्यालय ने ट्वीट में लिखा था, 'रीवा जिले के मऊगंज क्षेत्र में युवती के साथ हुई बर्बरता की घटना में अपराधी पंकज त्रिपाठी को गिरफ्तार कर उसके घर पर बुलडोजर चलाया गया। ड्राइवर पंकज का लाइसेंस भी कैंसल कर दिया गया है। मध्यप्रदेश की धरती पर महिलाओं पर अत्याचार करने वाला कोई बख्शा नहीं जायेगा।'
इससे पहले वायरल हुए वीडियो में 24 वर्षीय पंकज त्रिपाठी महिला को थप्पड़ मारते, उसके बाल पकड़कर पहले जमीन पर पटकते हुए नज़र आया था। वह फिर उसके चेहरे और उसके पूरे शरीर पर लात मारता है।
पुलिस ने कहा है कि त्रिपाठी को उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से शनिवार रात गिरफ्तार किया गया। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार पुलिस अधीक्षक (एसपी) नवनीत भसीन ने कहा कि ड्राइवर के रूप में काम करने वाले आरोपी को उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से गिरफ्तार किया गया है।
इस बीच थाना प्रभारी को भी ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस के अनुसार, आरोपी पंकज त्रिपाठी ने विवाद के बाद कथित तौर पर अपनी 19 वर्षीय प्रेमिका के साथ मारपीट की। वीडियो में महिला आरोपी से शादी करने के लिए कहती नज़र आती है। वह आदमी शुरू में चिढ़ने लगता है और फिर उसके चेहरे पर बार-बार लात और थप्पड़ मारने लगता है।
रिपोर्ट के अनुसार यह घटना 21 दिसंबर को घटी बताई जा रही है। पुलिस के मुताबिक पीड़िता को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है और उसका इलाज चल रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार एसडीओपी नवीन दुबे ने कहा है कि पीड़िता उन्हें घटना की जानकारी देने थाने आई थी, लेकिन उसने शिकायत दर्ज कराने से इनकार कर दिया। आरोपी को हालाँकि आईपीसी की धारा 151 (सार्वजनिक शांति भंग करना) के तहत हिरासत में लिया गया और बाद में रिहा कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि जब हमले का वीडियो सामने आया, तो आरोपी के खिलाफ धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और भारतीय दंड संहिता के अन्य प्रासंगिक प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया, लेकिन तब वह फरार हो गया था। बाद में अब उसे गिरफ़्तार कर लिया गया है।
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