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हनी ट्रैप मामले की ख़बरें छापने वाले अख़बार मालिक पर भी उठे सवाल

मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप कांड की ख़बरें छापने वाले सांध्य दैनिक अख़बार संझा लोकस्वामी के मालिक के होटल और अन्य ठिकानों पर पुलिस ने रेड की है। कई लोग पुलिस की कार्रवाई को इस मामले में ख़बरें छापने से जोड़ रहे हैं और कार्रवाई पर सवाल उठा रहे हैं। लेकिन अख़बार के मालिक जीतू सोनी पर भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि उनके होटल में छापे के दौरान बड़ी संख्या में युवतियां मिली हैं। 

इंदौर पुलिस ने जीतू सोनी के एक होटल समेत कुल चार ठिकानों पर रेड की। छापे में होटल से 67 युवतियां और 7 बच्चे बरामद किये गये। होटल से 25 पुरुषों को भी बंदी बनाया गया। पुलिस ने आशंका जताई है कि पश्चिम बंगाल और असम की इन युवतियों को बंधक बनाकर इनसे देह व्यापार करवाया जा रहा था। 

संझा लोकस्वामी अख़बार ने पिछले कुछ दिनों में हनी ट्रैप कांड से जुड़ी कई सनसनीखेज ख़बरें छापी हैं। अख़बार ने शिवराज सरकार में मंत्री रहे एक नेता की हनी ट्रैप कांड की मुख्य आरोपी श्वेता जैन के साथ कुछ अतरंग फ़ोटो समेत स्टोरी भी छापी थी। 
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अख़बार ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रमुख सचिव रहे रिटायर्ड अफसर को लेकर भी सनसनीखेज रिपोर्ट छापी थी। श्वेता जैन और अफसर के बीच कई किश्तों में हुई कथित ‘रंगारंग बातचीत’ का पूरा ब्यौरा अख़बार में छापा गया था। दोनों के बीच पूरी बातचीत का कथित ऑडियो भी यू-ट्यूब पर अपलोड किया गया। दोनों ही ‘ख़बरों’ की जबरदस्त चर्चा रही। राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में इनकी जबरदस्त डिमांड भी रही। 

इंदौर पुलिस ने जीतू सोनी के एक होटल समेत कुल चार ठिकानों पर रेड की। छापे में होटल से 67 युवतियां और 7 बच्चे बरामद किये गये। होटल से 25 पुरुषों को भी बंदी बनाया गया। पुलिस ने आशंका जताई है कि पश्चिम बंगाल और असम की इन युवतियों को बंधक बनाकर इनसे देह व्यापार करवाया जा रहा था। 

सीडी, पेन ड्राइव भी मिलीं

पुलिस को रेड में हनी ट्रैप कांड से जुड़े दस्तावेज, इस कांड से ही जुड़ी पौने दो सौ के लगभग ऑडियो-वीडियो वाली सीडी और पेन ड्राइव भी मिली हैं। काफी संख्या में ज़मीनों और अन्य संपत्तियों की रजिस्ट्रियां भी पुलिस ने बरामद की हैं। शुरुआती आंकलन में संपत्तियों का बाज़ार मूल्य 150 करोड़ के करीब आंका गया है। पुलिस ने 6 चले हुए कारतूस भी जब्त किये हैं। 

पुलिस ने जीतू सोनी, उनके पुत्र अमित सोनी और अन्य परिजनों पर मानव तस्करी, आईटी एवं आर्म्स एक्ट, प्रतिबंधात्मक और शासकीय कार्य में बाधा डालने के केस दर्ज किए हैं। अमित सोनी को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है, जबकि जीतू सोनी फरार है। 

अफसर की शिकायत पर हुई कार्रवाई

हनी ट्रैप कांड में शामिल रहे इंदौर नगर निगम के एक अफसर हरभजन सिंह की शिकायत पर पुलिस ने पूरी कार्रवाई की। सिंह ने पुलिस से शिकायत की थी कि अख़बार ने उनके बारे में ग़लत ख़बरें छापीं और ऑडियो-वीडियो को यू-ट्यूब पर अपलोड कर दिया। ऑडियो-वीडियो पुलिस जांच का हिस्सा होने तथा सत्यता परखने के लिए पुलिस द्वारा सामग्री जांच के लिए लैब में भेजे जाने के बावजूद अख़बार ने प्रमाणिकता सिद्ध होने के पहले इसका उपयोग कर उनकी निजता को भंग किया है। 

बेशक यह बात किसी से छिपी नहीं है कि जीतू सोनी और उनके परिजनों द्वारा अख़बार की आड़ लेकर लोगों को ब्लैकमेल किये जाने तथा दादागिरी करने की शिकायतें आम हैं। यहां बता दें कि जीतू सोनी ढाई दशक से अख़बार का संचालन कर रहे हैं। उनका वह होटल भी ढाई दशक से चल रहा है, जिसमें पुलिस ने रेड की है। होटल में युवतियों द्वारा ‘आर्केस्टा’(पुलिस इसे अश्लील नृत्य और जिस्म की नुमाइश करार दे रही है) भी शुरुआती दिनों से संचालित होता आ रहा है। इंदौर पुलिस ने अनेक बार इस होटल में रेड की है और युवतियों को पकड़ा भी है। मगर ‘आर्केस्टा’ का संचालन बंद नहीं हो पाया है।

रेड के बाद इंदौर के एसएसपी रूचिवर्धन मिश्रा से मीडिया ने सवाल किये थे कि क्या यह कार्रवाई हनी ट्रैप के ख़ुलासों के बाद दबाव में की गई? एसएसपी ने जवाब दिया कि पुलिस की कार्रवाई को हनी ट्रैप से जोड़ा जाना सही नहीं है। कार्रवाई हरभजन सिंह की शिकायत पर हुई है। उनसे यह भी पूछा गया कि ऐसे में तो खोजी पत्रकारिता मुमकिन ही नहीं होगी? वर्धन ने जवाब दिया कि किसी का अंतरंग फ़ोटो या वीडियो उसकी अनुमति के बिना प्रकाशित करते हैं तो यह आईटी एक्ट के तहत अपराध है। 

अचानक कार्रवाई क्यों की गई, यह पूछने पर एसएसपी ने कहा, ‘माय होम होटल में युवतियों को बंधक बनाने और जिस्म की नुमाइश कर रुपये कमाने की सूचना पर एक्शन लिया गया। कई लोग इंदौर पुलिस की कार्रवाई की टाइमिंग को लेकर सवाल उठा रहे हैं।

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कोर्ट को सौंपी गई सीडी

पुलिस की रेड को लेकर सवाल उठाये जाने की एक वजह हनी ट्रैप मामले में हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में 15 घंटे की वीडियो सीडी को सौंपा जाना भी है। दरअसल, याचिकाकर्ता की ओर से सीडी सौंपते हुए एडवोकेट मनोहर दलाल ने पूरे मामले की जाँच सीबीआई से कराये जाने की माँग रखी थी। एडवोकेट का कहना था, ‘सीडी में हनी ट्रैप के आरोपियों के साथ प्रदेश के कई नेता और अफसरों से जुड़ी ऑडियो-वीडियो रिकार्डिंग है।’ एडवोकेट ने यह भी कहा, ‘इस सबूत (ऑडियो-वीडियो सीडी) का दुरूपयोग नहीं हो, इसलिए ही इसे कोर्ट को सौंपा गया है।’ एडवोकेट ने कोर्ट के सामने यह भी साफ किया था कि याचिकाकर्ता को यह सीडी जीतू सोनी से मिली है। 

कहा जा रहा है कि हाई कोर्ट में हनी ट्रैप की सीडी पेश होने के बाद एकाएक पुलिस सक्रिय हुई और देर रात सोनी के घर, होटल और अन्य ठिकानों पर रेड मारी।

विवादों में रहे हैं जीतू सोनी 

अख़बार मालिक जीतू सोनी और विवादों का चोली-दामन का साथ रहा है। पूर्व की सुंदर लाल पटवा सरकार में उनकी अदावत बीजेपी के नेता भंवर सिंह शेखावत से हुई थी। कभी शेखावत और सोनी व्यावसायिक पार्टनर होते थे। लेकिन विवाद के बाद सोनी पर रासुका लगी थी और हत्या के प्रयास का मुक़दमा भी कायम हुआ था। एक वक्त कांग्रेस विधायक प्रेमचंद गुड्डू से भी सोनी की ठनी थी। विवाद के चलते दिग्विजय सिंह सरकार में सोनी के होटल पर अतिक्रमण की कार्रवाई हुई और तब यह कहा गया कि यह कार्रवाई प्रेमचंद गुड्डू के कहने पर हुई। 

राजीव गाँधी ने किया था लोकार्पण

जीतू सोनी के अख़बार की नींव कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री महेश जोशी ने रखी थी। अख़बार का लोकार्पण पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने किया था। जोशी इस अख़बार को दो-ढाई साल ही चला पाये थे और भारी घाटे की वजह से अख़बार को उन्होंने जीतू सोनी को बेच दिया था। जीतू सोनी मूलतः सोने-चांदी के व्यावसायी थे लेकिन अख़बार खरीदने के बाद पत्रकारिता के क्षेत्र में आ गये।

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माफ़ियाओं को बख्शेंगे नहीं: कमलनाथ 

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले में कहा, ‘प्रदेश में संगठित माफ़ियाओं के ख़िलाफ़ युद्ध होगा। इस तरह की कार्रवाई पूरे प्रदेश में की जाएगी और मैं किसी के भी दबाव में आने वाला नहीं हूँ।’ उन्होंने कहा, ‘एक महीने पहले जमीन को लेकर ब्लैकमेलिंग किये जाने की जानकारी मिली थी, इसके मद्देनजर यह कार्रवाई की गई।’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘जो भी अफसर ऐसे तत्वों के साथ जुड़े नज़र आयेंगे, उनके ख़िलाफ़ भी सख़्त एक्शन होगा।’

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संजीव श्रीवास्तव
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