मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि स्थानीय प्रशासन और स्थानीय निकायों के लिए प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत और उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना किसी भी घर को ध्वस्त करना और उसे अखबार में प्रकाशित करना अब फैशन बन गया है। घरों को बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए तोड़ें जाने की प्रवृत्ति की निंदा की है।