एम.पी. हाईकोर्ट ने राज्य के एक कलेक्टर के विरुद्ध बेहद तल्ख़ टिप्पणी की है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट जबलपुर बेंच ने पन्ना के कलेक्टर संजय मिश्रा को बीजेपी का एजेंट करार देते हुए कहा है, ‘कलेक्टर पद पर रहने के लायक नहीं है, इन्हें पद से तत्काल हटा देना चाहिए।’
मध्य प्रदेश में हाल ही में संपन्न हुए स्थानीय सरकार के चुनावों में जनपद उपाध्यक्ष पद पर मिली जीत, कलेक्टर के ‘निर्णय’ के बाद ‘हार में बदल’ जाने का दिलचस्प मामला, चमकीले और कीमती हीरों के लिये मशहूर पन्ना जिले की गुन्नौर जनपद पंचायत का है।
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गुन्नौर में जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष पद के चुनाव 27 जुलाई को हुए थे। चुनाव में कांग्रेस नेता परमानंद शर्मा निर्वाचित घोषित किये गये थे। शर्मा को कुल 13 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी समर्थक प्रत्याशी राम शिरोमणि मिश्रा को 12 वोट ही मिले पाये थे। निर्वाचन के बाद कलेक्टर ने परमानंद शर्मा को जीत का सर्टिफिकेट भी दे दिया था।
हारे हुए प्रत्याशी एवं बीजेपी नेता राम शिरोमणि मिश्रा ने गिने गये वोटों में से एक बैलेट पेपर पर बीच में स्याही लगी होने की दलील देते हुए पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा के समक्ष अपील कर दी थी। इस अपील पर तत्काल कार्रवाई करते हुए कलेक्टर मिश्रा ने ‘स्याही लगे’ गिने गये वोट को निरस्त कर दोनों प्रत्याशियों के 12-12 वोट बराबर होने का निर्णय सुना दिया था। फैसले के अगले दिन पर्ची उठवाकर चुनाव कराया गया था। पर्ची उठाये जाने की प्रक्रिया में राम शिरोमणि मिश्रा के नाम का ‘रुक्का’ उठ गया था। वे उपाध्यक्ष घोषित कर दिये गये थे।
कांग्रेस नेता परमानंद शर्मा पूरा मामला लेकर भोपाल आये थे। मीडिया के सामने मसले को उन्होंने रखा था। जीत का सर्टिफिकेट दिखाते हुए, पन्ना कलेक्टर पर धांधली और मनमानी के आरोप उन्होंने लगाये थे। यह भी आरोप लगाया था कलेक्टर ने पक्षपात कर कुर्सी छीनकर बीजेपी नेता को दे दी है। पूरा मामला मीडिया की सुर्खियां बना था। बाद में परमानंद शर्मा ने कोर्ट की शरण ली थी। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में मुकदमा दायर किया था। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल ने मामले की सुनवाई कर रहे हैं।
बुधवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस अग्रवाल ने कलेक्टर को बीजेपी का एजेंट बताते हुए जोरदार फटकार लगाई। जस्टिस अग्रवाल यहीं नहीं रूके। उन्होंने कहा, ‘कलेक्टर पद पर रहने के योग्य नहीं है, उन्हें तत्काल हटाया जाना चाहिये।’जज की तल्ख टिप्पणियों से कोर्ट रूम में सन्नाटा छा गया। मामले की अगली सुनवाई 17 अगस्त को होगी।
और जगहों पर भी ऐसा हुआ
जनपद और जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनावों में गुन्नौर सरीखे नज़ारे मध्य प्रदेश में अनेक निर्वाचन क्षेत्रों से सामने आये थे। भोपाल की 10 सदस्यों वाली जिला पंचायत में कांग्रेस ने 8, भाजपा ने 1 और निर्दलीय ने एक सीट जीती थी। कांग्रेस का बोर्ड बनना यहां सुनिश्चित माना जा रहा था। लेकिन चुनाव के दौरान भाजपा ने ‘बाजी पलट’ दी थी।कांग्रेस समर्थित सदस्यों को तोड़कर कांग्रेस की ही एक महिला सदस्य को प्रत्याशी बनाकर भोपाल जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी बीजेपी ने ‘अपने पक्ष’ में कर ली थी। तोड़फोड़ के चलते उपाध्यक्ष पद भी बीजेपी के ‘खाते’ में चला गया था।
सजी-सजायी थाली हाथों से छिन जाने के बाद प्रदेश सरकार में मंत्री भूपेन्द्र सिंह और विश्वास सारंग, विधायक रामेश्वर शर्मा सहित अन्य बीजेपी नेताओं तथा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को धांधली से चुनाव जीतने, लोकतंत्र की हत्या करने के आरोप कांग्रेस ने लगाये थे। धन और बाहुबल तथा सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग के आरोप भी मढ़े थे।
अदालत का शुक्रिया अदा किया दिग्विजय सिंह ने
पन्ना कलेक्टर के खिलाफ हाईकोर्ट जज द्वारा की टिप्पणी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा के सदस्य दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘धन्यवाद माई लार्ड, आपने सही फरमाया। यह कलेक्टर ना केवल राजनीतिक एजेंट के रूप काम कर रहा है बल्कि उनके काले कारनामों में पूरी तरह से हिस्सेदार बना हुआ है। आप जितने प्रमाण चाहें हम दे देंगे।’पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने भी ट्वीट करते हुए कहा, ‘कांग्रेस पार्टी लगातार यही बात कर रही थी कि कलेक्टर भाजपा सरकार की कठपुतली बनकर कार्य कर रहे हैं।’
विवादास्पद अधिकारी रहे हैं संजय मिश्रा
पन्ना कलेक्टर संजय मिश्रा का विवादों से पूरा नाता रहा है। पूर्व की तैनाती के दौरान भी अपने कार्यप्रणाली और अन्य वजहों से वे मीडिया की सुर्खियों में रहे हैं। भोपाल के प्रोटोकॉल अधिकारी रहते हुए भी वे आरोपों के घेरे में आये थे।पन्ना कलेक्टर मिश्रा के खिलाफ जज की तल्ख़ टिप्पणी से जुड़ा एमपी हाईकोर्ट की कार्यवाही का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसमें जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक अग्रवाल की तल्ख टिप्पणी और इसी मामले से जुड़ी कोर्ट की तमाम कार्यवाही दिखलाई व सुनाई दे रही है।
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