मध्य प्रदेश सरकार को गिराने और बचाने से जुड़ी सियासी हलचल चरम पर है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर बीजेपी पर विधायकों की ख़रीद फरोख़्त का आरोप लगाया और विधानसभा में बहुमत साबित करने की चुनौती स्वीकार कर ली।
उन्होंने तीन पेज का ख़त महामहिम को सौंपा है, जिसमें कहा गया है कि विधानसभा में बहुमत साबित करने के पहले बंधक बनाए गए विधायकों को आज़ाद कराया जाए।
उधर ख़बर है कि बेंगलुरू में सिंधिया समर्थक विधायक दोपहर बाद भोपाल आ सकते हैं। ये विधायक सिंधिया के राज्यसभा का परचा भरते वक़्त मौजूद रह सकते हैं।
मुख्यमंत्री नाथ राज्यपाल से मुलाकात के लिए जाते वक्त आत्मविश्वास से भरे नजर आये। राजभवन में प्रवेश के ठीक पहले वहाँ मौजूदा मीडिया वालों को उन्होंने ने ना केवल ‘विक्ट्री का साइन’ दिखाया, बल्कि वे काफी खुश दिखे।
फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार
राज्यपाल से मुलाकात के ठीक बाद राजभवन के बाहर मीडिया के घेर लेने पर कमलनाथ ने संक्षिप्त बातचीत में कहा, ‘मैंने महामहिम से माँग की है कि वह बीजेपी द्वारा क़ैद कर रखे गये 19 विधायकों को छुड़ाने में मदद करें।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सरकार विधानसभा के पटल पर बहुमत साबित करने के लिए तैयार है। सरकार विश्वास मत तभी साबित कर पायेगी, जब सरकार से जुड़े सभी विधायक स्वतंत्र तौर पर सामने आयेंगे।’
क्या है चिट्ठी में?
राज्यपाल को सौंपे गये तीन पेज की चिट्ठी में कमलनाथ ने 3-4 मार्च से प्रदेश में चले समूचे राजनीतिक घटनाक्रम की जानकारी दी है। इस पत्र में खुले तौर पर बीजेपी पर कांग्रेस और सरकार का समर्थन करने वाले विधायकों की ख़रीद-फ़रोख्त का आरोप भी लगाया गया है। विधानसभा के 16 मार्च से शुरू हो रहे बजट सत्र का जिक्र करते हुए ख़त में यह भी स्पष्ट तौर पर लिखा गया है कि सरकार को सदन में बहुमत साबित करने में किसी तरह का परहेज या गुरेज नहीं है।
कमलनाथ ने राजभवन के बाहर मीडिया से यह भी कहा :
“
‘न केवल राज्यपाल के अभिभाषण बल्कि बजट सत्र में हर दिन सरकार पर बहुमत साबित करने का दबाव होगा। प्रतिपक्ष द्वारा वोटिंग की माँग कर पेश की जाने वाली हर कसौटी पर पूरी तरह से सरकार खरा उतर कर दिखलायेगी।’
कमलनाथ, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश
तीन जहाज़ बेंगलुरू में तैयार
उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली ख़बरों के अनुसार, बेंगलुरू से सिंधिया समर्थक सभी विधायक भोपाल लाये जा रहे हैं। आठ-आठ सीट वाले तीन अलग-अलग चार्टर्ड प्लेनों से विधायकों को भोपाल लाये जाने की सूचना हैं। दोपहर तक वे भोपाल पहुँच सकते हैं।
संकेत मिल रहे हैं राज्यसभा के लिए नामांकन के लिए निर्धारित समय से पहले भोपाल पहुँच जाने की स्थिति में ये सभी विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के नामांकन दाखिले के लिए विधानसभा भी पहुँच सकते हैं। बता दें सिंधिया कुछ देर बाद राज्यसभा के लिए बीजेपी की ओर से अपना नामांकन पत्र दाखिल करने वाले हैं।
महाराज कर रहे हैं बीजेपी नेताओं के यहाँ भोज
ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल होने के बाद से भोपाल में बीजेपी नेताओं के यहाँ भोज कर रहे हैं। गुरुवार रात में उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के घर भोजन किया था। पूर्व सीएम की पत्नी साधना सिंह ने पूरे सम्मान के साथ सिंधिया को उनकी ‘मनपसंद डिशें’ परोसी थीं।
भोज में केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा बीजेपी के कई नेता शामिल हुए थे। शिवराज सरकार में मंत्री रहीं यशोधरा राजे सिंधिया भी भोज में थीं। रिश्ते में वह ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ हैं।
सिंधिया ने शुक्रवार सुबह का नाश्ता बुआ यशोधरा के यहाँ किया था। कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने में बेहद अहम भूमिका अदा करने वाले बीजेपी के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के यहां सिंधिया ने लंच लिया। लंच में कई प्रमुख बीजेपी नेता शामिल रहे।
स्पीकर ने दिया है ‘लापता’ विधायकों को नोटिस
विधानसभा स्पीकर एन. पी. प्रजापति ने लापता कांग्रेस विधायकों को नोटिस दिया हुआ है। इस्तीफ़ों की पुष्टि के लिए यह नोटिस विधायकों को भेजा गया है। स्पीकर चाहते हैं कि इस्तीफ़े स्वीकार करने के पूर्व वह इस बात की तसदीक कर लें कि इस्तीफ़ा देने वाले विधायक किसी के दबाव अथवा लालच में तो नहीं हैं।
सिंधिया समर्थक विधायकों को इसी बात को ‘स्पष्ट’ करने के लिए भोपाल लाया जा रहा है कि सभी ने अपने त्यागपत्र ‘स्वेच्छा’ से दिये हैं।
खाटू श्याम के दर्शन करने पहुँचे कांग्रेस विधायक
कांग्रेस खेमे के विधायक जयपुर में हैं। दो अलग-अलग रिजॉर्टस में इन विधायकों को रखा गया है। गुरुवार को विधायकों को खाटू श्याम के दर्शन कराने ले जाये जाने से जुड़ी तसवीरें भोपाल पहुँची थीं। कांग्रेस विधायकों के मनोरंजन के लिए आयोजित कार्यक्रमों से जुड़े कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे।
खाटू श्याम के दर्शन करने के बाद बाहर निकले कांग्रेस विधायकों ने मीडियो से चर्चा में कहा था, ‘कांग्रेस का संकट दूर होगा और कमलनाथ की सरकार पूरे 5 साल चलेगी।’
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