मध्य प्रदेश के सागर शहर में चौकीदारों की सिलसिलेवार हत्या की वारदातों ने सनसनी फैला दी है। बीते चार दिनों में अलग-अलग क्षेत्रों में एक ही पैटर्न से अज्ञात आरोपी ने तीन चौकीदारों को मौत के घाट उतारा है। सीरियल मर्डर को रोकने और आरोपी को पकड़ने के लिये 15 पुलिस टीमें बनाकर 250 पुलिस कर्मियों को लगाया गया है।
बता दें कि सागर शहर में पिछले चार दिनों में अलग-अलग क्षेत्रों में तीन चौकीदारों की हत्या की वारदातें हुई हैं। हत्या का जो पैटर्न है, उसी तर्ज पर चार महीने पहले भी हत्या की एक वारदात हुई थी। अज्ञात हत्यारा 40 से 60 वर्ष के बीच के चौकीदारों को कथित तौर पर अपना ‘निशाना’ बना रहा है। वारदातें रात 12 बजे से तड़के 4 बजे के बीच हो रही हैं। सागर पुलिस और प्रशासन के साथ-साथ प्रदेश की सरकार भी वारदातों से बेहद सकते में है।
पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे खंगाले हैं। आरोपी का शिकार हुए एक चौकीदार का भागते हुए वीडियो भी मिलने की सूचना है। वीडियो बहुत साफ तो नहीं है, लेकिन चौकीदार के पीछे आरोपी भागता नज़र आ रहा है। पुलिस ने आरोपी का स्कैच बनवाया है। ईनाम घोषित किया है। सरगर्मी से उसकी तलाश में जुटी हुई है।
पड़ताल में सामने आया है आरोपी सोते मिलने वाले चौकीदारों को ही अपना निशाना बना रहा है! वह ऐसा क्यों कर रहा है? यह तो साफ़ नहीं हो पा रहा है। अभी तक जांच में यह भी पता नहीं चल पाया है कि पुरानी रंजिशवश अथवा अन्य कारणों से चौकीदारों को किलर अपने निशाने पर ले रहा है! पुलिस यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आरोपी एक ही अथवा किसी गिरोह द्वारा वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है।
बीते चार दिनों में जो तीन वारदातें हुई हैं उसे लेकर अब तक की जांच में यह साफ हुआ है कि ‘आरोपी’ अपने साथ किसी तरह का हथियार लेकर नहीं आता है। मौके पर मिलने वाली भारी अथवा धारधार वस्तु का उपयोग करते हुए चौकीदारों को ‘वह’ मौत के घाट उतार रहा है।
चौकीदारों का ‘सीरियल किलर’ लूटपाट की नीयत से वारदातें नहीं कर रहा है। असल में मारे गये चौकीदारों के पर्स और अन्य कीमती समान यथावत मिले हैं। इसी कारण कयास लगाये जा रहे हैं कि हत्या का मकसद लूटपाट तो नहीं है। अलबत्ता मारे जा रहे चौकीदारों के मोबाइल फोन जरूर ‘गायब’ हो रहे हैं।
पुलिस इस बात की भी सरगर्मी से पड़ताल कर रही है कि वारदातों को अंजाम दे रहा शख्स मानसिक रूप से बीमार तो नहीं है! बीमारी के चलते ऐसी घटनाओं को वह अंजाम तो नहीं दे रहा है!
सिलसिलेवार घटनाओं के बाद राज्य के गृहमंत्री और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा ने गुरुवार को सागर के एसपी तरुण नायक से बातचीत की। गृह मंत्री ने मीडिया से कहा है, ‘पुलिस तंत्र सरगर्मी से आरोपी की तलाश में जुटा हुआ है। ईनाम की घोषणा भी की गई है। कुछ सुराग मिले हैं। आरोपी जल्दी ही पुलिस की गिरफ्त में होगा।’
उधर सागर एसपी नायक ने प्रेस से कहा है, ‘सिलसिलेवार हत्याओं की जांच की जा रही है। कुछ साक्ष्य मिले हैं, जिनके आधार पर भी पुलिस अपनी जांच के दायरे को आगे बढ़ा रही है। पुलिस अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है। रात्रिकालीन गश्त को बढ़ाया गया है।’
बता दें कि चार महीने पहले मकरोनिया थाना क्षेत्र में एक चौकीदार की मौजूदा हत्या की वारदातों की तरह ही नृशंस हत्या की घटना हुई थी। उस घटना की जांच चल रही है। अज्ञात आरोपी का सुराग नहीं मिला है।
तीन ताजा वारदातें कुछ इस तरह रहीं हैं
- एक - शहर के भैंसा क्षेत्र में 27 अगस्त को एक कारखाने में सो रहे 57 साल के कल्याण सिंह लोधी पर हथोड़े से वार किये गये। लोधी की मौत हो गई। घटना को रात 1 से 3 बजे के बीच अंजाम दिया गया। कारखाने के पास लगे सीसीटीवी कैमरों में संदिग्ध नजर आया।
- दो - दूसरी घटना 29 अगस्त को सिविल लाइन थाना क्षेत्र के आर्ट एण्ड कॉमर्स कॉलेज परिसर में हुई। आनंद नगर मकरोनिया निवासी 60 वर्ष के शंभूदयाल दुबे के सिर पर पत्थर पटका गया। इस घटना को भी रात 1 से 3 के बीच अंजाम दिया गया। मौक़े से एक मोबाइल मिला। फिंगर प्रिंट लेकर उसे जाँच में लिया गया है।
- तीन - तीसरी वारदात 30 अगस्त को हुई। निर्माणाधीन मकान में चौकीदार करने वाले मंगल अहिरवार पर रात 1 से 4 बजे के बीच फावड़े से हमला बोला गया। उसके सिर पर एक के बाद कई वार कर लहुलूहान हालत में छोड़ दिया गया। गंभीर रूप से ज़ख्मी मंगल को सागर में प्रारंभिक उपचार देने के बाद भोपाल रेफर किया गया। भोपाल में उपचार के दौरान 31 अगस्त को मंगल की मौत हो गई।
मई में हुई थी ऐसी ही वारदात
सागर में 1 मई 2022 को रात 12 से 4 बजे के बीच उत्तम रजक (58) को मौत के घाट उतारा गया था। सोते समय पर उत्तम पर डंडे से हमला बोला गया था। हमले में उत्तम ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। जांच चल रही है। आरोपी का सुराग नहीं मिला है।
6 राज्यों के 34 ट्रक ड्राइवरों की हत्या की थी
राज्य के नेशनल हाई-वे और स्टेट हाई-वे पर 2008-09 में अनेक वारदातें हुई थीं। रोड के किनारे और खेत-खलियानों में लाशें मिलतीं थीं। शव ट्रक ड्राइवरों और क्लीनरों के निकला करते थे। पुलिस ने जाल बिछाया था। दस साल के बाद खामरा के रूप में क्रूर किलर, पुलिस के हत्थे चढ़ा था।
खामरा ने बताया था कि वह लूटपाट के लिये वारदातें करता था। हत्या के बाद ट्रक और उसके माल को वह ठिकाने लगा दिया करता था। कई लोगों की लिप्तता सामने आयी थी। राज्य के एक पूर्व मंत्री के कृपापात्र का नाम भी वारदात में आरोपी के मददगार के तौर पर सामने आया था। पुलिस ने उसे भी हिरासत में लेकर पूछताछ की थी।
अपनी राय बतायें