मध्य प्रदेश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के गलत इस्तेमाल से सात ट्राइबल लड़कियों के संग रेप कांड की जांच तेज हो गई है। जांच तेज होते ही पूरे कांड की परतें खुलने का क्रम भी तेज हो गया है। एक खबर तो यह भी है कि रेप की शिकार हुई महिलाओं की संख्या दो दर्जन के पार हो सकती है। पूरे मामले में पकड़े गए चार आरोपियों से पुलिस पूछताछ करने के साथ-साथ शिकार लड़कियों की तलाश भी कर रही है।
जांच में सामने आ रहा है आरोपी गरीब घर की लड़कियों को अपना निशाना बनाते थे। इसके पीछे उनका मकसद यही था कि शिकार लड़कियां मुंह न खोलें। पूरा मामला बेहद सनसनीखेज, चौंकाने और मध्य प्रदेश राज्य को शर्मसार करने वाला है। बता दें, मध्य प्रदेश के सीधी जिले के मझौली थाना क्षेत्र में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के गलत उपयोग से कॉलेज जाने वाली छह आदिवासी लड़कियों और एक लड़की की माइनर साथी के संग रेप करने की बात आरोपियों ने स्वीकार की है।
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सिंगरोली की मूल निवासी एक लड़की ने पूरे कांड की शिकायत तीन दिन पहले सीधी पुलिस को की थी। लड़की सीधी पढ़ने के लिए आयी हुई थी। लड़की ने अपनी शिकायत में बताया है 20 अप्रैल 2024 को उसके पास शाम 4 बजे एक फोन आया था। फोन कॉल, कॉलेज की ‘मैडम’ के नाम से किया गया।
फोन पर कहा गया था, ‘लड़की तत्काल मैडम के घर पहुंचे।’ लड़की ने जवाब में कहा था, ‘वह अभी नहीं पहुंच सकेगी। दूर रहती है। अगले दिन पहुंच जायेगी।’ फोन पर बताया गया, ‘आज नहीं आयी और बताये जा रहे दस्तावेज जमा नहीं किए तो स्कालरशिप नहीं मिल पायेगी। कुछ कागजों पर साइन भी करने हैं।’
लड़की को फोन पर यह भी बताया गया था, ‘गंतव्य (बस स्टॉप) पर पहुंचकर कुछ दूर उसे बताये गये स्थान पर मिलना है। मैडम का बेटा बाइक से उसे बाइक पर बैठाकर मैडम के घर ले आयेगा।’ इसके बाद लड़की बताये गये स्थल पर पहुंच गई थी। मौके पर काली बाइक पर सवार लड़का मिला था। लड़का हेलमेट लगाये था। हाथों में दस्ताने पहने था।
लड़की उसके साथ बाइक पर सवार हो गई थी। लड़का जब बाइक लेकर चला था तो लड़की को शक हुआ था। दरअसल बाइक बस्ती से होते हुए सुनसान राह पर चल पड़ी थी। लड़के का कहना था, मैडम के घर ही चल रहे हैं। कोई 6 किलोमीटर ले जाने के बाद जब एक खंडहरनुमा स्थल आया था तो लड़की माजरा समझ पायी। उसने लाये गये रास्ते पर लौटने के लिए भागने का प्रयास किया तो लड़के ने दबोच लिया था। पहले बुरी तरह मारपीट की गई। बदहवास होने पर लड़की के संग रेप किया गया था।
घटना के बाद लड़की से पैसा और मोबाइल छीनकर आरोपी सुनसान जगह पर ही लड़की को छोड़कर भाग गया था। लड़की ने पाया था कि लड़के का हाथ पर जले होने के निशान है। घटना के बाद मोबाइल की रोशनी में लड़की ने आरोपी का चेहरा भी देखा था। बहरहाल, शिकार होने के बाद लड़की बामुश्किल बस स्टॉप लौटी थी। रात ज्यादा हो जाने के बाद उसे सुबह करीब 5 बजे ऑटो मिला था। जिसे पकड़कर वह अपने नाना के घर पहुंची थी। कुछ असहज लगने पर जब नाना और परिजनों ने पूछा था तो लड़की ने उसके साथ लूटपाट की वारदात होने की बात कही थी। करीब महीने भर मामले को पर चुप रही।
अभी तीन-चार दिन पहले उसने 20 अप्रैल का वाकया अपने परिजनों ने शेयर किया। इसके बाद घर वालों के कहने पर वह थाने आयी और रिपोर्ट दर्ज कराई। प्रकरण दर्ज कर पुलिस ने बताये गये हुलिये के शख्स को केरीकेचर बनवाया। पुलिस ने आरोपी पर 30 हजार रुपयों का इनाम भी घोषित किया। पड़ताल में पुलिस ने आरोपी को धरा। आरोपी के पास डेढ़ दर्जन फोन भी मिले। पूछताछ शुरू की तो वह टूट गया।
पुलिस ने पूरे मामले में कुल 4 लोगों को पकड़ा है। मुख्य आरोपी बृजेश प्रजापति है। उसकी आयु 35 साल के करीब है। पेशे से मजदूर है। पूर्व में जबलपुर में वह फैक्ट्री में काम करता रहा। शादीशुदा है। फैक्ट्री से काम छोड़ने के बाद उसे 3 लाख रुपये मिले थे। इस राशि से उसने महंगा स्मार्ट फोन खरीदा था। कुछ पैसा घर दिया था। बाकी खुद पर उड़ा रहा था। मुख्य आरोपी की मददगार के तौर पर पुलिस ने राहुल प्रजापति, संदीप प्रजापति और लवकुश प्रजापति को भी पकड़ा है। तीनों आरोपियों का अभी विवाह नहीं हुआ है।
सीधी जिले के एसपी रवीन्द्र वर्मा ने ‘सत्य हिन्दी’ को बताया, ‘आरोपी बीते दो-ढाई महीने से कांड को अंजाम दे रहा था। तीन दिनों की रिमांड पर पुलिस ने इन्हें लिया है। बुधवार तक की रिमांड है। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने कुल 7 लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बनाने के साथ-साथ लूटपाट एवं मारपीट करने का आरोप स्वीकार कर लिया है। एसपी रवीन्द्र वर्मा ने यह भी बताया है, ‘कुल 7 लड़कियों में दो एक ही साथ आरोपियों का शिकार बनीं। कॉलेज में पढ़ने वाली एक लड़की अपने साथ माइनर लड़की को लेकर मौके पर पहुंची थी। दोनों को हवस का शिकार बनाया गया।’ एसपी वर्मा के अनुसार 4 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें पांच लड़कियों के साथ रेप, लूटपाट और मारपीट का मुकदमा कायम किया गया है। बाकी शिकार हुई लड़कियों के बारे में पुलिस पता लगा रही है।
यूट्यूब से आया आइडिया
पुलिस का कहना है आरोपी को यूट्यूब से आइडिया आया। उसने मैजिक वाइस एप अपने मोबाइल पर डाउनलोड किया। इसके बाद लड़कियों को अपने साथियों की मदद से जाल में फांसकर एक के बाद एक शिकार बनाया। महिला की आवाज में आरोपी लड़कियों को फोन करता था। तरीका एक ही होता था। स्कालशिप राशि मंजूर हो गई है। मैडम के घर लड़की तुरंत आये। दस्तावेज साथ लाये। फॉर्म साइन करे। लड़की को मौके से लेने पहुंचने के लिए मैडम का लड़का बाइक से पहुंचेगा, बताया जाता था।लवकुश था सबसे बड़ा मददगारः पूरे कांड में लवकुश प्रजापति का रोल बेहद अहम रहा है। लवकुश उस कॉलेज में बीते साल तक पढ़ा है, जिस कॉलेज की लड़कियों को शिकार बनाया गया है। पिछले साल लवकुश ने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। कॉलेज के स्टूडेंट्स के व्हाटसएप ग्रुप में लवकुश एड रहा। कॉलेज छोड़ने के बाद उसके पास लड़कियों का पूरा ब्यौरा था। आरोपी उसी ग्रुप के माध्यम से लड़कियों को छांटते थे। अधिकांशतः उन्हीं लड़कियों को अपना निशाना बनाया गया जो अन्य शहरों से आकर सीधी में रहकर पढ़ रहीं थीं। एक कथित खबर यह भी है कि आरोपियों ने दो दर्जन के करीब ‘शिकार’ किए हैं। उनके शिकार में न केवल कॉलेज की लड़कियां बल्कि जिले की महिलाएं एवं अन्य युवतियां भी शामिल हैं। सरकारी योजनाओं का लाभ और अन्य फायदे देने का झांसा देकर यह पूरा कांड किया जा रहा था। हालांकि जिले के एसपी वर्मा ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा है, ‘अखबारों में छपी खबर सही नही है। क्योंकि आरोपियों से सख्त पूछताछ में अब तक कोई भी ऐसा सुराग नहीं मिला है, जो दर्शाता हो कि संख्या दो दर्जन से ज्यादा है।’ एसपी का कहना है, ‘कांड खुलने के बाद से अभी तक कोई और विक्टिम (कॉलेज की लड़कियों के अलावा) सामने नहीं आया है। आरोपियों ने सात लड़कियों से रेप, लूटपाट और मारपीट का आरोप स्वीकारा है। इन सात में भी अभी दो लड़कियां अभी तक सामने नहीं आयी हैं।’ एसपी ने कहा, ‘कॉलेज की छात्राओं को पूरी तरह से विश्वास में लेकर हम अपनी जांच को आगे बढ़ा रहे हैं। जिले भर में केस की जानकारी है। यदि संख्या ज्यादा होती तो जरूर कथित ऐसे शिकार लोगों में कोई न कोई तो अब तक सामने जरूर आ जाता।’ कांग्रेस नेताओं ने सरकार को जमकर घेरा हुआ है। महिलाओं को सुरक्षा नहीं दे पाने का आरोप विपक्ष लगा रहा है। विपक्ष याद दिला रहा है कि मप्र रेप और महिला अत्याचार के मामले में नंबर वन है।
सरकार ने एसआईटी बनाई
मामला सामने आने के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एसआईटी का गठन किया है। कुल 9 सदस्योेें वाली एसआईटी की कमान महिला अफसर को सौंपी गई है। एसआईटी ने सीधी में डेरा डाला हुआ है। पूरे मामले की बारीकी से छानबीन वह कर रही है। एसपी रवीन्द्र वर्मा ने सोमवार शाम को ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘फिलहाल नये तथ्य सामने नहीं आये हैं।’ जब उनसे पूछा गया कि स्थानीय अखबार आरोपियों की शिकार युवती एवं महिलाओं की संख्या 25 बता रहे हैं तो उन्होंने दोहराया, ‘आरोपियों ने पूछताछ में 6 मामलों में 7 लड़कियों से रेप करना स्वीकारा है।’ एक सवाल के जवाब में एसपी ने लड़कियों के साथ सामूहिक बलात्कार से भी इनकार किया है। उन्होंने कहा है, ‘मुख्य आरोपी बृजेश है। बाकी तीन उसकी मदद किया करते थे।’
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