अपने आखिरी पड़ाव पर आ पहुंचे लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सातवें चरण में भारतीय जनता पार्टी के सामने जातियों की जटिल व्यूहरचना से निपटना हमेशा से मुश्किल रहा है। चाहे वो 2019 का लोकसभा चुनाव रहा हो या 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव, भाजपा के सामने सबसे ज्यादा दिक्कत सातवें चरण की सीटों ने ही पेश की थी। इस बार भी हालात उससे उलट नहीं हैं बल्कि विपक्षी इंडिया गठबंधन ने भाजपा के लिए राह आसान करती रहीं पिछड़ी जातियों में जबरदस्त सेंधमारी करते हुए मुश्किल हालात पैदा कर दिए हैं। सातवें चरण में उत्तर प्रदेश की जिन 13 सीटों पर मतदान होना है उनमें वाराणसी, चंदौली, मिर्जापुर, बलिया, गाजीपुर, घोसी, राबर्ट्सगंज, सलेमपुर, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, महराजगंज और बांसगांव शामिल हैं। इनमें से वाराणसी से खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीसरी बार चुनाव मैदान में हैं।
यूपी का आखिरी रणः जातियों का चक्रव्यूह क्या तोड़ पाएगी भाजपा
- उत्तर प्रदेश
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- कुमार तथागत
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- 28 May, 2024

कुमार तथागत
यूपी में सातवें चरण का चुनाव जातियों की जटिलता से लड़ने का चुनाव है। सातवां चरण 2019 में जितना मुश्किल था, 2024 में उससे भी ज्यादा मुश्किल है, क्योंकि विपक्ष ने कई सीटों पर पिछड़े वोटों में प्रत्याशी के जरिए सेंधमारी कर दी है। जानिए यूपी में सातवें और आखिरी चरण के चुनाव की राजनीति कुमार तथागत सेः
पिछड़ी और दलित जातियों की बहुलता
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