कोरोना महामारी को लेकर लाॅकडाउन के बीच घर लौटने को बेताब प्रवासी मज़दूरों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सैकड़ों किलोमीटर पैदल और अन्य सहारों से आगे बढ़ रहे देश के इन ‘कर्णधारों’ के सब्र का बांध राज्यों की सीमाओं पर व्याप्त भारी अव्यवस्थाओं के बीच पूरी तरह से टूट गया। रीवा के चाकघाट में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर ऐसा ही नज़ारा देखने को मिला। पिछले दो-तीन दिनों से यहाँ फँसे हज़ारों भूखे-प्यासे मज़दूर और उनके परिजन रविवार को एमपी और यूपी पुलिस के बैरिकेड्स तोड़कर उत्तर प्रदेश की सीमा में घुस गये।
भूखे-प्यासे हज़ारों मज़दूर बैरिकेड्स तोड़कर एमपी से यूपी सीमा में घुसे
- मध्य प्रदेश
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- 17 May, 2020

रीवा के चाकघाट में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर पिछले दो-तीन दिनों से यहाँ फँसे हज़ारों भूखे-प्यासे मज़दूरों और उनके परिजन रविवार को एमपी और यूपी पुलिस के बैरिकेड्स तोड़कर उत्तर प्रदेश की सीमा में घुस गये।
एमपी-यूपी बॉर्डर पर पिछले दो-तीन दिनों में दस हज़ार से ज़्यादा मज़दूर और उनके परिजन फँसे हुए थे। दरअसल, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को फ़रमान जारी किया था कि कोई भी मज़दूर पैदल अथवा असुरक्षित वाहनों से सफर करता पाया गया तो पुलिस और अन्य संबंधित अधिकारियों के ख़िलाफ़ सख़्त एक्शन होगा। योगी ने मज़दूरों से भी अपील की थी कि वे धैर्य न खोयें, हरेक श्रमिक को समुचित साधन उपलब्ध कराकर सरकार उनके घरों तक पहुँचायेगी।