मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्र के तौर पर चिन्हित हुए भोपाल के जहांगीराबाद इलाक़े के जद्दा नामक कब्रिस्तान में जेसीबी मशीन लगवाकर एडवांस में दर्जन भर कब्रें खुदवाने का मामला सामने आया है। एडवांस में कब्रें खुदवाये जाने से मुसलिम समुदाय के लोग चिंतित हो गये हैं। उधर, कब्रिस्तान कमेटी के इस क़दम से जिला प्रशासन अवाक है।
बता दें, जहांगीराबाद क्षेत्र की आबादी तीन लाख के लगभग है। बड़ी संख्या में यहां मुसलिम समुदाय के लोग रहते हैं। यह क्षेत्र प्रदेश में ‘कोविड-19’ के सबसे बड़े हाॅट स्पाॅट के रूप में उभरा है। देखते ही देखते क्षेत्र में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 225 तक पहुंच चुका है और 9 लोगों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य महकमे ने 3 हजार लोगों की जांच-पड़ताल के बाद 1500 लोगों को क्वारेंटीन किया हुआ है।
संक्रमण का सिलसिला नहीं थमने के बाद और कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए जिला प्रशासन ने भी जहांगीराबाद क्षेत्र के 3 हजार से ज्यादा लोगों को ग्रीन जोन बस्तियों में शिफ्ट किया है। ये ग्रीन जोन बस्तियां अभी तक कोरोना के संक्रमण से बची हुई हैं।
यूं तो प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले में इंदौर नंबर वन बना हुआ है, लेकिन एक ही क्षेत्र में कोरोना संक्रमित और संदिग्धों के मामले में जहांगीराबाद क्षेत्र ने बाक़ी जगहों को पीछे छोड़ रखा है। भोपाल में जहांगीराबाद के बाद मंगलवारा दूसरा ऐसा क्षेत्र है, जहां लगातार कोरोना के नये रोगी मिल रहे हैं।
एडवांस में कब्रें खुदवाये जाने को लेकर जद्दा कब्रिस्तान कमेटी के सदर रेहान अहमद दलील दे रहे हैं, ‘रमजान की इबादत में जुटे होने की वजह से लेबर नहीं मिल पा रही है। कब्रिस्तान में नगर निगम और वक्फ़ के कर्मचारी नहीं हैं, लिहाजा एडवांस में कब्रें खुदवाना, मजबूरी में उठाया गया क़दम है।’
रेहान अहमद ने कहा कि एक क्रब को खोदने में 4 से 4.5 घंटे का समय लगता है, ऐसे में ज़्यादा लाशें आने पर कब्रिस्तान में भीड़ न बढ़े, इस वजह से भी एडवांस में क्रबें खुदवाई गई हैं।
‘एडवांस कब्रों की जरूरत नहीं थी’
एसडीएम सिटी जमील ख़ान ने कहा, ‘कोरोना के चलते शहर के ज्यादातर कब्रिस्तान बंद हो गये हैं। जहांगीराबाद कब्रिस्तान में ही अधिकांश शवों को दफनाया जा रहा है। मालूम हुआ है कि इस कब्रिस्तान में एडवांस में कब्रें खोदकर रख दी गई हैं। कमेटी से बातचीत हई है। चूंकि पर्याप्त संख्या में जेसीबी मशीनें और अमला है, लिहाजा एडवांस में कब्रें खोदने की आवश्यकता नहीं थी।’
गैस कांड के वक्त भी नहीं हुआ था ऐसा!
भोपाल में 2-3 दिसंबर, 1984 को गैस कांड हुआ था। हजारों लोग इस हादसे में मारे गये थे। कई दिनों तक मौतों का सिलसिला शहर में चलता रहा था। यूनियन कार्बाइड कारखाने से रिसी मिथाइल आइसो साइनाइट नामक गैस ने असमय ही लोगों को मौत की नींद सुला दिया था। बावजूद इसके उस दौर में भी एडवांस में कब्रें खुदवाने जैसा मामला सामने नहीं आया था। भोपाल में पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी कब्रिस्तान में एडवांस में कब्रें खोदे जाने की नौबत आई है।
इंदौर में 2299, मप्र में 4,487 संक्रमित
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, भोपाल में कोरोना संक्रमितों की संख्या 900 पर पहुंच चुकी है जबकि मध्य प्रदेश में अब तक यह आंकड़ा 4,487 है। इंदौर में 2299 से ज्यादा रोगी सामने आ चुके हैं। 2004 रोगी ठीक होकर अपने घर लौट चुके हैं। प्रदेश में कुल 42 जिले कोरोना से प्रभावित हैं।
इंदौर में अब तक सबसे ज्यादा 95 मौतें और भोपाल में 35 मौतें हो चुकी हैं। उज्जैन में संक्रमितों की संख्या 269 है और इनमें अब तक 45 लोग जान गंवा चुके हैं।
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