मध्य प्रदेश के पालपुर कूनो राष्ट्रीय वन्य अभ्यारण्य में एक के बाद एक 8 चीतों की मौतों की बड़ी वजह ‘नौकरशाहों में टकराव एवं अहम की लड़ाई’ और समुचित तरीक़े से इनकी देखरेख में कमियाँ तो नहीं हैं? ये और ऐसे अनेक सवाल चीता विशेषज्ञों से बातचीत एवं उनकी प्रतिक्रियाओं से उभरकर सामने आये हैं। एक एक्सपर्ट ने तो दो टूक कहा है, ‘कूनो में चीतों को बसाने का निर्णय नोटंबदी जैसा फ़ैसला है।’
क्या कूनो में चीतों को बसाने का फ़ैसला 'नोटबंदी जैसा' है?
- मध्य प्रदेश
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- 16 Jul, 2023

कूनो राष्ट्रीय वन्य अभ्यारण्य में एक के बाद एक चीतों की मौत क्यों हो रही है? आख़िर गड़बड़ी कहाँ हो रही है कि नामीबिया से लाए गए चीते मौत के मुँह में समाते जा रहे हैं?
बता दें कि कूनो में बीते चार दिनों में दो नर चीतों- तेजस और सूरज की मौतें हुई हैं। दोनों की ही गर्दन पर घाव के निशान मिले हैं। बीती 14 जुलाई को मृत मिले सूरज की लोकेशन तीन दिनों तक एक ही जगह होने की वजह से इसकी सरगर्मी से तलाश की जाती रही थी। बाद में यह मृत मिला था। मृत मिले सूरज की बॉडी में कीड़े पड़ गए थे। इसके मरा हुआ मिलने के दो दिन पहले तेजस की मौत भी ऐसे ही हुई थी।