कूनो राष्ट्रीय वन्य अभ्यारण्य में एक के बाद एक चीतों की मौत क्यों हो रही है? आख़िर गड़बड़ी कहाँ हो रही है कि नामीबिया से लाए गए चीते मौत के मुँह में समाते जा रहे हैं?
मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में आठवे ंचीते की भी मौत हो गई है। पीएम मोदी के जन्म दिन पर इन चीतों को कूनो में छोड़ा गया था। प्रधानमंत्री खुद आए थे और बड़ा इवेंट हुआ था। चीतों की मौत पर राकेश अचल की टिप्पणीः
चीते को पुनः देश में लाने और बसाने की नींव साल 1972 में रखी गई थी। मध्य प्रदेश कैडर के 1961 बैच के आईएएस अफसर एम.के.रजीत सिंह ने भारत में फिर से चीतों का घर बनाने का आइडिया सबसे पहले देश को दिया।