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मध्य प्रदेश उपचुनाव: राम के नाम के भरोसे हैं कांग्रेस और कमलनाथ?

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा उपचुनावों से पहले ‘रामधुन’ तेज कर दी है। राज्य की 27 सीटों पर उपचुनाव होने हैं और इसके ठीक पहले कमलनाथ का अंदाज ‘तेरा रामजी करेंगे बेड़ा पार, उदास मन काहे को करे’ वाला बना हुआ है।

राम का बड़ा भक्त कौन?, इस बात की राजनीतिक ‘प्रतिस्पर्धा’ मध्य प्रदेश में पिछले महीने भर से काफी तेज है। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन से पहले ही मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ‘रामधुन’ गुनगुनाने लगे थे।

राम मंदिर का जिक्र आते ही खुद को बड़ा राम भक्त बताने की कांग्रेस में होड़ कोई नई बात नहीं है। जब भी यह मसला गरमाया, कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की सरकार में राम जन्म भूमि न्यास का ताला खोलने से लेकर राम राज्य की परिकल्पना पर काम करने की बात दोहराई।

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इन दिनों मध्य प्रदेश में कमलनाथ भी यही पुरानी कैसेट ‘फुल वॉल्यूम’ में ‘बजा’ रहे हैं। कमलनाथ नाथ नेहरू-गांधी परिवार के निकटस्थों में शुमार हैं। संजय गांधी के वे बालसखा रहे। कहा जाता है कि इंदिरा गांधी उन्हें अपना तीसरा पुत्र कहा करती थीं। कमलनाथ को छिंदवाड़ा इंदिरा जी ही लेकर आयीं थीं। कुल मिलाकर कांग्रेस में कमलनाथ का कद काफी ऊंचा है।

बहरहाल, कमलनाथ और मध्य प्रदेश की कांग्रेस ‘रामधुन’ एवं ‘रामभक्ति’ को लेकर गुरूवार को सुर्खियों में रही। गुरूवार 20 अगस्त को राजीव गांधी के 76वें जन्मदिन पर कमलनाथ के नाम और फोटो के साथ राज्य के सभी प्रमुख अखबारों में पूरे-पूरे पेज के विज्ञापन प्रकाशित हुए हैं।

यह विज्ञापन मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल और उनके साथीगणों की ओर से दिया गया है। विज्ञापन में कहा गया है, ‘राजीव ने साकार की थी रामराज्य की कल्पना।’ विज्ञापन में आगे कहा गया है, ‘21वीं सदी के आधुनिक भारत के साथ ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की नींव रखी।’

विज्ञापन में ये बातें भी गिनाईं- 

1- महात्मा गांधी के रामराज्य की भावना का प्रभाव राजीव पर भी था। उन्हीं की कोशिशों से वर्ष 1985 में दूरदर्शन द्वारा रामानंद सागर के रामायण धारावाहिक का प्रसारण शुरू किया गया।

2- 1986 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह को मनाकर राम जन्मभूमि स्थल के ताले राजीव ने खुलवाए और रामभक्तों को भगवान श्रीराम के दर्शन का अवसर दिया।

3- नवंबर, 1989 में राम मंदिर शिलान्यास की अनुमति दी और तत्कालीन गृह मंत्री बूटा सिंह को शिलान्यास में शामिल होने के लिए भेजा।

4- चेन्नई में अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेन्स में राजीव गांधी ने कहा था कि राम मंदिर अयोध्या में ही बनेगा।

Kamalnath soft hindutva politics and MP Bye election 2020 - Satya Hindi
मध्य प्रदेश कांग्रेस की ओर से छपवाया गया विज्ञापन।

आधुनिक भारत का प्रणेता बताया 

मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने विज्ञापन में राजीव गांधी को आधुनिक भारत का प्रणेता होने की याद दिलाते हुए आईटी क्रांति का जनक होने का स्मरण भी कराया है। विज्ञापन में राजीव गांधी की सरकार में पंचायती राज के जरिये गांवों को सशक्त बनाने, महिलाओं को राजनीति में 33 प्रतिशत आरक्षण देने और युवाओं को 18 साल की उम्र में वोटिंग का अधिकार देने जैसे लिये गये फ़ैसलों को भी गिनाया गया है।

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हनुमान चालीसा के पाठ के दौरान कमलनाथ।

हनुमान चालीसा का कराया था पाठ 

कमलनाथ ने राम मंदिर के भूमि पूजन से ठीक पहले ‘खुशी’ जताते हुए भोपाल स्थित अपने सरकारी बंगले पर हनुमान चालीसा का पाठ कराया था। पीसीसी में मुख्य द्वार पर श्रीराम का आदमकद पोस्टर और बैनर लगवाये गये थे। पीसीसी में रोशनी कराई गई थी और दीप जलवाये थे। इसके अलावा कांग्रेस विधायक दल की बैठक और पीसीसी में कमलनाथ की मौजूदगी में जय-जय श्रीराम के नारे लगे थे। कृष्ण जन्माष्टमी पर भी कमलनाथ के घर पर विशेष पूजा-अर्चना और झांकी सजने जैसे आयोजन हुए।

मध्य प्रदेश कांग्रेस का दूसरा धड़ा कमलनाथ के ‘साॅफ्ट हिन्दुत्व’ से नाखुश है। उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल और मध्य प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेता अज़ीज कुरैशी ने तो इस रवैये पर खुलकर कमलनाथ को आड़े हाथों लिया था।

ज्योतिरादित्य सिंधिया के नजदीकी रहे कुरैशी ने पीसीसी और विधायक दल की बैठक में ‘जय-जय श्रीराम’ के नारों को कांग्रेस के लिए चुल्लू भर पानी में डूब मरने वाली बात बताया था।

'पहले नहीं दिखे ऐसे आयोजन'

मध्य प्रदेश की राजनीति को लंबे वक्त से कवर कर रहे वरिष्ठ पत्रकार और विश्लेषक प्रकाश भटनागर ने ‘साॅफ्ट हिन्दुत्व’ के कमलनाथ के नये चेहरे को लेकर ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘‘कमलनाथ के यहां हनुमान चालीसा का पाठ और कृष्ण जन्माष्टमी पर विशेष पूजा-अर्चना जैसे आयोजन पिछले 40 बरस में पहले कभी भी देखने को नहीं मिले।

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‘कांग्रेस चारों खाने चित हो जायेगी’

भटनागर तंज भरे अंदाज में आगे कहते हैं, ‘अच्छी-भली सरकार गंवा देने वाले कमलनाथ के पास उपचुनावों में वोटरों के सामने गिनाने के लिए बहुत कुछ नहीं है। साल 2018 में कांग्रेस को वोट करने वाला मतदाता यही मानता है कि सरकार कमलनाथ के कर्मों और अहंकारी बर्ताव की वजह से ही गिरी। ऐसे में बीजेपी के वोटों में सेंधमारी के लिए कमलनाथ का रामधुन गाना और रामभक्ति दिखलाना उपचुनावों में कांग्रेस की नैया पार नहीं लगवा पायेगा। सर्वधर्म सम्भाव का अपना मूल चरित्र छोड़ने के चलते मध्य प्रदेश में कांग्रेस चारों खाने चित हो जायेगी।’

जनता को भरमा नहीं पायेंगे कमलनाथ: बीजेपी

मध्य प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कमलनाथ और कांग्रेस की ‘रामधुन’ को लेकर टटोले जाने पर ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘कमलनाथ और मध्य प्रदेश कांग्रेस की रामभक्ति का स्वागत है। उनके ‘रामधुन’ बजाने पर बीजेपी को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन कांग्रेस पार्टी की नीति, मुद्दों और चुनौतियों को लेकर जो भूमिका है, वो तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित है।’

अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस पूरे देश में इसी प्रकार की राजनीति कर रही है और कमलनाथ उपचुनाव की दृष्टि से भले की कुछ पाखंड और स्वांग रचा लें, जनता को भरमा नहीं पायेंगे।

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संजीव श्रीवास्तव
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