मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार में ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थक मंत्रियों की ‘डिनर डिप्लोमेसी’ के ‘साइड इफेक्ट्स’ दिखाई पड़ना शुरू हो गए हैं। नौकरशाही को लेकर अपने राजनीतिक आका सिंधिया के सामने दिल्ली में दुखड़े सुनाने पर समर्थक मंत्रियों को सिंधिया ने दो टूक मशविरा दिया था, ‘जनहित से जुड़े मुद्दों के लिए बिना परवाह वे ब्यूरोक्रेसी से भिड़ने में परहेज न करें।’ इस ‘शह’ के बाद सिंधिया समर्थक मंत्री बुधवार को कैबिनेट की बैठक में सीधे कमलनाथ से ही ‘भिड़’ गये। हालात ऐसे बने कि दूसरे मंत्रियों को कमलनाथ के ‘बचाव’ में आगे आना पड़ा और जमकर हुज्ज़तबाज़ी हुई।
मुख्यमंत्री कमलनाथ से क्यों भिड़े सिंधिया समर्थक मंत्री?
- मध्य प्रदेश
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- 21 Jun, 2019

सिंधिया समर्थक मंत्री बुधवार को कैबिनेट की बैठक में सीधे कमलनाथ से ही ‘भिड़’ गये। हालात ऐसे बने कि दूसरे मंत्रियों को कमलनाथ के ‘बचाव’ में आगे आना पड़ा और जमकर हुज्ज़तबाज़ी हुई।
बता दें कि बुधवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में सिंधिया समर्थक मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभागों के मुखिया) मुख्यमंत्री कमलनाथ पर भड़क गए। दरअसल, पीएचई विभाग के विषय से जुड़ी चर्चा में वह अपनी बात रखना चाह रहे थे। कमलनाथ समर्थक मंत्री सुखदेव पांसे अपनी बात रखते रहे। इसी बीच मुख्यमंत्री ने कह दिया कि विषय पर चर्चा पूरी हो गई अब आगे बढ़िये - तो इस पर तोमर बिफर गए।