मध्य प्रदेश सरकार की ‘लव जिहाद’ रोकने की मुहिम को तगड़ा झटका लगा है। एमपी हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की धारा 10 को प्रथम दृष्टया असंवैधानिक करार देते हुए इच्छा से अंतरजातीय विवाह करने वाले व्यस्क नागरिकों पर इस धारा के तहत मुक़दमा नहीं चलाने का आदेश दिया है।
मध्य प्रदेश: ‘लव जिहाद’ रोकने की ‘मुहिम’ को हाईकोर्ट से झटका!
- मध्य प्रदेश
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- 18 Nov, 2022

मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं पर जानिए हाई कोर्ट ने क्या-क्या कहा और राज्य सरकार को क्या निर्देश दिया।
मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी लज्जाशंकर हरदेनिया, आजम खां और अन्य छह लोगों ने मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की अनेक धाराओं को चुनौती देने वाली याचिकाएँ दायर की हैं। अलग-अलग याचिकाओं को एक करते हुए हाईकोर्ट सुनवाई कर रहा है। हाईकोर्ट के जस्टिस सुजॉय पाल और जस्टिस प्रकाश चंद्र गुप्ता की पीठ ने धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2021 की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली रिट याचिकाओं के समूह पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया है, ‘यदि व्यस्क नागरिक अपनी मर्जी से विवाह करते हैं तो उनके खिलाफ मुक़दमा नहीं चलाया जायेगा और अधिनियम की धारा 10 के उल्लंघन के लिए कठोर कार्रवाई नहीं की जायेगी।’ पीठ ने याचिकाओं को लेकर अपना अंतरिम फैसला सुरक्षित रखते हुए अगले तीन सप्ताह में प्रदेश की सरकार से जवाब मांगा है।