कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को इंदौर में बम से उड़ाने की धमकी भरा खत मिला है। खत ने मध्य प्रदेश पुलिस की नींद उड़ा दी है। वह पड़ताल में जुट गई है। उधर कांग्रेस ने कहा है, ‘पूरा मामला बेहद गंभीर है। राज्य और केन्द्र सरकार को मसले का संज्ञान लेते हुए उच्च-स्तरीय जांच करानी चाहिए।’
बता दें, राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ अगले सप्ताह मध्य प्रदेश पहुंचने वाली है। पहले इस यात्रा का 20 नवंबर को मध्य प्रदेश पहुंचने का कार्यक्रम था। लेकिन यात्रा के कार्यक्रम में बदलाव हुआ है।
राहुल की यात्रा अब 23 नवंबर को मध्य प्रदेश में प्रवेश करेगी। पूर्व कार्यक्रम के अनुसार बुरहानपुर से ही यात्रा का प्रदेश में प्रवेश होगा। यात्रा 28 नवंबर को इंदौर में पहुंचेगी और यहां खालसा स्टेडियम में रुकेगी।
याद दिला दें कि बीते सप्ताह खालसा कॉलेज में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के पहुंचने पर सिख समुदाय के रागियों ने जमकर बवाल किया था। रागियों ने 1984 के दंगों का जिक्र करते हुए नाथ को कार्यक्रम में बुलाने को शर्मनाक भी करार दिया था। मंच से आयोजकों को जमकर आड़े हाथों लिया गया था।
1984 के दंगों का जिक्र
राहुल गांधी की यात्रा के मध्य प्रदेश पहुंचने से ठीक पहले मिले इस खत से सनसनी फैल गई है। यह पत्र, डाक से जूनी इंदौर में स्थित गुजराती स्वीट पर पहुंचा है। हाथ से लिखे इस पत्र में 1984 के दंगों का विशेष रूप से उल्लेख करते हुए कांग्रेस के नेताओं को जमकर आड़े हाथों लिया गया है।
खत की शुरूआत ‘वाहे-गुरू’ से की गई है। पूरा पत्र हिन्दी में है। अंकों को अंग्रेजी में लिखे जाने की जगह हिन्दी में लिखा गया है। खत में किसी ज्ञान सिंह का नाम दिया गया है। फोन नंबर दिये गये हैं। आधार कार्ड की फोटो कॉपी लगाई गई है।
सिलसिलेवार धमाकों की धमकी
खत में राहुल गांधी को बम से उड़ाने की धमकी के साथ इंदौर में सिलसिलेवार बम धमाके करने की बात भी कही गई है। कहा गया है, ‘नवंबर माह के आखिर में इंदौर में जगह-जगह बम ब्लास्ट किये जायेंगे। राहुल गांधी को उनके पिता राजीव गांधी के पास पहुंचा दिया जायेगा। कमल नाथ को गोली से उड़ा दिया जायेगा।’
इंदौर के डीसीपी आर.के.सिंह ने गुमनाम खत मिलने की पुष्टि की है। सिंह ने बताया है, ‘डाक के जरिये पत्र बीती शाम गुजरात स्वीट पहुंचा है। पत्र के अंत में रतलाम के भाजपा विधायक चेतन कश्यप का नाम लिखा गया है।’
मीडिया के सवालों का अधिकारी ने ज्यादा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, ‘पूरे मामले की जांच हो रही है। जांच में मिलने वाले तथ्यों के बाद मीडिया को अवगत करायेंगे।’ उधर, बीजेपी के विधायक चेतन कश्यप ने खत से किसी भी तरह का संबंध होने से साफ इनकार कर दिया है।
जूनी थाने में दर्ज हुआ मामला
गुमनाम खत में मिली धमकी और अन्य तथ्यों को पुलिस ने संज्ञान में लेते हुए अज्ञात तत्व के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। खत को पहली नज़र में पुलिस शरारत मान रही है। लेकिन वह गंभीरता के साथ जांच-पड़ताल भी कर रही है।
इंदौर पुलिस ने जूनी थाना क्षेत्र की गुजराती स्वीट और आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज़ खंगाले हैं। जूनी थाना पुलिस की टीम, क्षेत्र में डाक बांटने वाले पोस्ट ऑफिस भी पहुंची है। वहां भी छानबीन की गई है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने गुमनाम खत को लेकर मीडिया को प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है, ‘मध्य प्रदेश सरकार और पुलिस को इस मामले को देखना चाहिए।’
राहुल गांधी की यात्रा के मध्य प्रदेश के प्रभारी और कमल नाथ सरकार में मंत्री रहे विधायक पी.सी.शर्मा ने ‘सत्य हिन्दी’ से कहा, ‘पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। राज्य और केन्द्र की सरकार मामले का संज्ञान लेते हुए गंभीरता बरते। राहुल गांधी की सुरक्षा में कोई चूक न हो।’
शर्मा ने कहा, ‘यात्रा को असफल करने की साजिशें चल रही हैं। यात्रा के लिये मध्य प्रदेश में हुई उपयात्राओं को बाधित करने के प्रयास हुए हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह उपयात्रा लेकर चल रहे थे तो कट्टाधारी लोग घुसे। उपयात्रा में शामिल एक कांग्रेसी पर हमले का प्रयास हुआ।’
शर्मा ने कहा, ‘भाजपा और विरोधी तत्व चाहे कुछ भी करें, कांग्रेस घबरायेगी नहीं। यात्रा रूकेगी नहीं। भारत को जोड़ने का अपना संदेश आमजन तक पहुंचाकर ही दम लेगी।’
399 किलोमीटर का सफर
भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश के छह जिलों में करीब 399 किलोमीटर का सफर तय करेगी। कुल 13 दिनों तक राहुल मध्य प्रदेश में चलेंगे। उनकी यात्रा 5 दिसंबर को राजस्थान में प्रवेश कर जाएगी।
इंदौर आने पर 29 नवंबर को एक दिन का ब्रेक रहेगा। यात्रा 30 नवंबर को राजबाड़ा से बड़ा गणपति जायेगी। राहुल गांधी की यात्रा इंदौर से उज्जैन पहुंचेगी। उज्जैन में 1 दिसंबर को राहुल गांधी की सभा रखी है।
पूरे मामले को लेकर सत्तारूढ़ दल और सरकार की तरफ से कोई भी प्रतिक्रिया अभी सामने नहीं आयी है। ‘सत्य हिन्दी’ ने गृहमंत्री और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा से प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया, लेकिन वे टिप्पणी के लिये नहीं मिल पाये।
अपनी राय बतायें