मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री कमलनाथ के कर्ज़माफ़ी की घोषणा के एक हफ़्ते के अंदर ही दो किसानों ने आत्महत्या कर ली है। चुनाव के दौरान कांग्रेस ने किसानों की कर्ज़माफ़ी करने का वादा किया था।
ज़हर खाने के कारण एक किसाना ने आज अस्पताल में दम तोड़ दिया जबकि एक किसान ने शनिवार को फाँसी लगाकर अपनी जान दे दी थी। पीड़ित परिवारों का कहना है कि कर्ज़माफ़ी से उन्हें कोई फ़ायदा नहीं हुआ। उनका यह भी कहना है कि बैंक वालों के लगातार दबाव के कारण उनके परिजन आत्महत्या करने को मज़बूर हुए।
45 साल के जुआन सिंह, खंडवा के पंधाना में रहते थे। किसान के भाई गुलाब सिंह ने बताया कि उनके भाई ने एक बैंक से 3,22,000 रुपये का और एक सहकारी समिति से 50000 रुपये का लोन लिया था। किसान के परिवार ने बताया कि जुआन सिंह ने पुराना लोन चुकता कर दिया था और इस साल नया लोन लिया था। उनकी फ़सल बर्बाद हो गई थी और इससे उन्हें काफ़ी नुक़सान हुआ था। परिजनों के अनुसार, जब उन्हें यह पता चला कि मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से की गई कर्ज़माफ़ी से उन्हें कोई फ़ायदा नहीं होगा तो वह तनाव में आ गए और उन्होंने आत्महत्या कर ली।
एक और किसान, 65 साल के प्रेम नारायण रघुवंशी अपने घर में कमाने वाले अकेले व्यक्ति थे। उन्होंने भी एक निजी बैंक से 3 लाख रुपये का और एक सहकारी समिति से 2 लाख रुपये का लोन लिया था। परिजनों ने बताया कि उनके पास 10 एकड़ ज़मीन थी लेकिन ज़्यादा बरसात के कारण पिछले साल उनकी सोया की फ़सल बर्बाद हो गई थी। इस साल कम बारिश होने के कारण उनकी गेहूँ की फ़सल बर्बाद हो गई थी।
मध्य प्रदेश में कर्ज़माफ़ी से 33000 किसानों को फ़ायदा होने की उम्मीद है। ख़बरों के मुताबिक़, इस योजना पर सरकार 50000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। हालाँकि राज्य की कांग्रेस सरकार की इस योजना का किसानों को फ़ायदा मिलना बाक़ी है।
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