इंदौर के मुसलिम बाहुल्य इलाक़ों में क्या कोरोना संक्रमण को छिपाया जा रहा है? ज़िला प्रशासन तमाम कोशिशों के बाद भी क्या संक्रमणग्रस्त बस्तियों में लोगों के कथित असहयोग के चलते इस तरह की प्रवृत्ति को काबू में नहीं कर पा रहा है? ये और ऐसे अनेक सवाल तब उठने लगे हैं जब इंदौर के कोरोना संक्रमण से ज़्यादा प्रभावित बस्तियों से लगे कब्रिस्तानों में ‘बड़ी संख्या’ में जनाज़ों के पहुँचने लगे हैं।
इंदौर के चार कब्रिस्तानों में पहुँचे नौ दिनों में 183 जनाज़े!
- मध्य प्रदेश
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- संजीव श्रीवास्तव
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- 10 Apr, 2020
इंदौर के मुसलिम बाहुल्य इलाक़ों में क्या कोरोना संक्रमण को छिपाया जा रहा है? इंदौर के महू नाका कब्रिस्तान में अकेले गुरुवार को 11 जनाज़े पहुँचे।

इंदौर के महू नाका कब्रिस्तान में अकेले गुरुवार को 11 जनाज़े पहुँचे। जबकि खजराना, सिरपुर और लुनियापुरा कब्रिस्तानों में गुरुवार को पहुँचे जनाज़ों की संख्या 10 रही। एक ही दिन में चार कब्रिस्तानों में कुल 21 जनाज़ों के पहुँचने से प्रशासन और मध्य प्रदेश सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ गई हैं।
मध्य प्रदेश में इंदौर कोरोना हाॅट स्पाॅट बना हुआ है। संक्रमण यहाँ बहुत तेज़ी से बढ़ा है। गुरुवार को इंदौर में एक डाॅक्टर की भी मौत हुई है। शत्रुघ्न पंजवानी नामक डाॅक्टर ने दम तोड़ा है। देश में इंदौर ऐसा पहला शहर बना है, जहाँ कोरोना से पीड़ित डाॅक्टर की मौत हो गई है।