मध्य प्रदेश पुलिस ने गुजरात के एक स्टैंडअप कॉमेडियन और चार अन्य लोगों को शनिवार को गिरफ़्तार कर लिया। आरोप है कि इंदौर में शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम के दौरान कॉमेडियन ने हिन्दू देवी-देवताओं और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ख़िलाफ़ अभद्र टिप्पणियाँ कीं। गिरफ़्तार किये गये कॉमेडियन पहले भी देवी-देवताओं पर फूहड़, अभद्र और द्विअर्थी टिप्पणियों को लेकर विवाद में रह चुके हैं।
मुनव्वर फ़ारूक़ी पर आरोप
गुजरात के जूनागढ़ के रहने वाले हास्य कलाकार मुनव्वर फ़ारूक़ी अपनी टीम के साथ इंदौर में एक कार्यक्रम पेश करने आये हुए थे। इंदौर के एक कैफ़े में मुनव्वर का शो था। शो में एंट्री के लिए टिकट रखा गया था।
इंदौर की महापौर और बीजेपी विधायक मालिनी लक्ष्मण गौड़ के बेटे एकलव्य गौड़ भी अपने साथियों के साथ यह शो देखने के लिए गए थे। शो के दौरान जब मुनव्वर फ़ारूक़ी ने देवी-देवताओं और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर कथित रूप से अभद्र टिप्पणियाँ की तो एकलव्य और उनके साथियों ने तीखा ऐतराज जताया।
एकलव्य गौड़ और उनके साथियों ने हंगामा किया और शो रुकवा दिया। कुछ लोगों ने शो रुकवाने को ग़लत बताया और कॉमेडियन और उनकी टीम की पैरवी भी की। लेकिन, हंगामे के बाद शो दोबारा शुरू नहीं हो पाया।
एकलव्य ने रात को ही तुकोजीगंज थाने में कॉमेडियन और चार स्थानीय लोगों के ख़िलाफ़ रिपोर्ट लिखवाई। साक्ष्य के तौर पर पुलिस को शो की वीडियो रिकार्डिंग और फुटेज़ भी उपलब्ध कराये गए।
तुकोगंज पुलिस ने वीडियो फुटेज़ की जाँच और बाकी पड़ताल के बाद फ़ारूक़ी और चार स्थानीय लोगों को शनिवार को गिरफ़्तार कर लिया। इनके नाम एडविन एंथनी, प्रखर व्यास, प्रियम व्यास और नलिन यादव हैं।
गोधरा को लेकर टिप्पणी
एकलव्य की शिकायत के अनुसार, कॉमेडियन ने अपने शो में अभद्र टिप्पणियाँ करते हुए हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाया। कार्यक्रम में गोधरा कांड और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का जिक्र भी किया गया था।
कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन
एकलव्य ने यह आरोप भी लगाया कि कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़े प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया गया। कैफ़़े के छोटे से हॉल में लगभग 100 दर्शकों को बैठाकर रखा गया था। आयोजन के लिए प्रशासन से पूर्व अनुमति भी नहीं ली गई थी।
धार्मिक भावनाएँ भड़काने का आरोप
पुलिस ने कॉमेडियन और चार अन्य लोगों के ख़िलाफ़ भारतीय दंड विधान की धारा 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य) और धारा 269 (ऐसा लापरवाही भरा काम करना जिससे किसी जानलेवा बीमारी का संक्रमण फैलने का ख़तरा हो) समेत अन्य धाराओं के तहत मुक़दमा दर्ज किया है।
एकलव्य गौड़ ‘हिंद रक्षक’ नामक स्थानीय संगठन के संयोजक हैं। मीडिया की ख़बरों में कहा गया है कि कैफ़े में हंगामे के दौरान संगठन के कार्यकर्ताओं ने हास्य कलाकार की पिटाई भी की, लेकिन एकलव्य और उसके साथियों ने इस आरोप को निराधार बताया है।
पहला विवाद नहीं
मुनव्वर फ़ारूक़ी को लेकर इस तरह का विवाद पहले भी हो चुका है। उन पर हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान करने का आरोप पहले भी लग चुका है। बीते साल ऐसे एक विवाद के बाद मुनव्वर का ट्विटर अकाउंट भी संस्पेंड कर दिया गया था। विरोध करने वालों ने मुनव्वर के यू- टयूब अकाउंट को प्रतिबंधित करने की माँग भी उठाई थी।
आरोपों को बताया बेबुनियाद
गिरफ़्तार किये गये चारों आयोजनकर्ताओं के वकील अंशुमन श्रीवास्तव ने एकलव्य और उनके साथियों द्वारा लगाये गये सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। शिकायत को पूर्वाग्रह से ग्रसित बताते हुए श्रीवास्तव ने कहा, ‘मामला पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है।’ ‘सत्य हिन्दी’ ने कॉमेडियन मुन्नवर फ़ारूक़ी से भी प्रतिक्रिया लेने का प्रयास किया, लेकिन उनकी टिप्पणी नहीं मिल पायी।
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