मध्य प्रदेश के ‘बैट्समैन’ विधायक आकाश विजयवर्गीय जेल से रिहा हो गए हैं। रिहा होने के बाद उन्होंने कहा, ‘अब मैं गाँधीगिरी करूंगा।’ आकाश ने कहा, उनकी कोशिश होगी कि भविष्य में फिर कभी बैट उठाने की नौबत न आये। आकाश इंदौर से बीजेपी के विधायक हैं और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे भी हैं।
बता दें कि आकाश विजयवर्गीय को बुधवार को इंदौर पुलिस ने नगर निगम के एक मुलाजिम की क्रिकेट बैट से पिटाई के आरोपों में गिरफ़्तार किया था। आकाश के विधानसभा क्षेत्र इंदौर तीन में निगम का अमला एक जर्जर मकान को गिराने के लिए पहुँचा था। विधायक आकाश ने कार्रवाई का विरोध करते हुए अमले को दस मिनट में क्षेत्र से चले जाने की चेतावनी देते हुए यह कहकर धमकाया था कि ‘अमला नहीं लौटा तो अंजाम भयावह होगा।’
धमकी को नज़रअंदाज करने पर आकाश भड़क गये थे। उन्होंने एक भवन निरीक्षक धीरेन्द्र बायस की क्रिकेट बैट से पिटाई कर दी थी। आकाश ने बायस को तमाचे भी जड़े थे। विधायक के एक्शन के बाद समर्थक भी उग्र हो गए थे। उन्होंने भी बायस और अमले में शामिल अन्य कर्मियों के साथ खुलकर बदसुलूकी की थी। जेसीबी और पोकलैंड मशीन की चाबियाँ निकाल ली गई थीं। इनमें तोड़फोड़ भी की गई थी।
आकाश द्वारा बैट से पिटाई करने का वीडियो देश भर में वायरल हुआ था। पुलिस ने आकाश को बुधवार शाम को गिरफ़्तार कर लिया था। सरकारी कामकाज में बाधा, मारपीट, गाली-गलौच सहित कई धाराओं में आकाश तथा उनके समर्थकों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर लिखी गई थी।
शुक्रवार को इंदौर की लोअर कोर्ट ने नगर निगम और पुलिस पक्ष के वकीलों की दलीलों को सुनने के बाद आकाश की जमानत याचिका रद्द कर दी थी। इसके बाद आकाश के वकील सेशन कोर्ट गये थे। इंदौर सेशन कोर्ट ने भी इस दलील के साथ जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था कि सांसद और विधायकों से जुड़े मामलों को सुने जाने का अधिकार भोपाल की स्पेशल कोर्ट को है, लिहाजा आकाश के वकील वहाँ जाएँ। इसके बाद भोपाल की स्पेशल कोर्ट में जमानत याचिका लगाई गई थी। भोपाल की स्पेशल कोर्ट के न्यायाधीश सुरेश सिंह ने आकाश और नगर निगम के पक्षों को सुनने के बाद शनिवार देर शाम 50 हजार रुपये की जमानत राशि पर आकाश को छोड़े जाने का आदेश दे दिया था। चूँकि आदेश समय पर इंदौर नहीं पहुँच पाया था, लिहाजा शनिवार को आकाश की जेल से रिहाई नहीं हो सकी थी।
जमानत की तमाम कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद रविवार सुबह आकाश को इंदौर जेल से रिहाई मिल गई। वे चार रात जेल में रहे। जेल से छूटने के बाद आकाश सबसे पहले पार्टी दफ्तर पहुँचे जहाँ उनका पुष्पहारों से स्वागत हुआ।
पार्टी दफ्तर के बाद आकाश अपने काफ़िले के साथ अपने निवास पर पहुँचे। निवास पर परिजनों ने आरती उतारकर और मिठाई खिलाकर उनका स्वागत किया। कैलाश विजयवर्गीय के बेहद ख़ास और इंदौर दो नंबर सीट से बीजेपी के विधायक रमेश मैंदोला ने भी मिठाई खिलाकर आकाश की हौसला अफ़जाई की।
मीडिया के द्वारा घेरे जाने पर आकाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘अब बल्लेबाज़ी नहीं करूँगा। अब गाँधीजी के दिखाए रास्ते पर चलने की कोशिश होगी।’
जेल जाने, जेल में रहने और छूटने के बाद क्या पिता कैलाश विजयवर्गीय से बात हुई? इस सवाल पर आकाश का जवाब था, ‘उन्होंने (पिता कैलाश ने) कहा अब आप बड़े हो गए हो और अपने फ़ैसले स्वयं ले सकते हो। अपने फ़ैसलों का अंजाम भुगतने के लिए भी आपको तैयार रहना होगा।’ आकाश ने जवाब के बाद पुन: दोहराया, ‘अब - मैं गाँधीजी के क़दमों पर चलना चाहता हूँ।’आकाश विजयवर्गीय को नगर निगम के मुलाजिम को पीटे जाने वाले प्रकरण के अलावा भोपाल की स्पेशल कोर्ट के जज सुरेश सिंह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ का पुतला फूंके जाने वाले एक अन्य मामले में भी जमानत दे दी है।
जेल से बाहर आते विधायक आकाश विजयवर्गीय।
जेल में पढ़ा लाला लाजपत राय को
गुरुवार को जेल में आकाश के दिन की शुरुआत सुबह आठ बजे नाश्ते के साथ हुई थी। उन्होंने महादेव का जप किया। फिर जेलर से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की किताबें माँगीं। लाल लाजपत राय की किताबें उन्होंने पढ़ीं। दोपहर में जेल का भोजन करने के बाद दो बजे तक वह समर्थकों से मिलते रहे। बाद में किसी से नहीं मिले। शुक्रवार सुबह भी वह जेल की नियमित प्रार्थना सभा में शामिल हुए थे और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की किताबें पढ़कर दिन काटा था।
बेटे को जमानत मिलने के तुरंत बाद कैलाश विजयवर्गीय ने ख़ुशी जताते हुए कहा, ‘हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। इस तरह की घटनाएँ दोबारा न हों, यह ज़िम्मेदारी हम सबकी है।’
सोशल मीडिया पर ट्रोल हुए थे पिता-पुत्र
आकाश के बल्ला पिटाई कांड के बाद न केवल स्वयँ आकाश बल्कि उनके पिता कैलाश विजयवर्गीय और बीजेपी को भी सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया गया था। विरोधी दलों ने पिता-पुत्र के साथ बीजेपी को जमकर निशाने पर लिया था। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्जिवय सिंह और पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया भी आकाश तथा बीजेपी की आलोचना करने में पीछे नहीं रहे।
सतह पर आई बीजेपी की गुटबाज़ी
आकाश के बल्ला पिटाई कांड के बाद इंदौर में बीजेपी की राजनीति पूरी तरह से सतह पर आ गयी। इंदौर नगर निगम की महापौर बीजेपी विधायक मालिनी गौड़ हैं। घटनाक्रम के बाद उनकी लंबी चुप्पी चर्चाओं में रही। लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष और इंदौर की आठ बार की पूर्व सांसद सुमित्रा महाजन का पूरे घटनाक्रम पर कोई बयान न आना और बीजेपी के कई बड़े नेताओं की खामोशी भी ख़ासी चर्चाओं में रही। घटनाक्रम के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा था, ‘पूरे घटनाक्रम को लेकर पार्टी ने इंदौर बीजेपी से रिपोर्ट माँगी है। रिपोर्ट आने के बाद ही वे वह कुछ कहेंगे हालाँकि इसके बाद उनका कोई बयान नहीं आया।’ इंदौर में शुकव्रार को होने वाले बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के साझा दौरे को स्थगित कर दिया जाना भी बीजेपी की अंदरूनी राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।
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