मर गई इंसानियत! भोपाल में लोग डूब रहे थे और बचाव के लिए गई नावें वीडियो बनवाने में लगी रहीं। गोताखोरों को मीडिया के लिए अच्छी फ़ुटेज देने के काम में लगा दिया गया। बचाव दल के दूसरे लोगों को किनारे पर रोक दिया गया। मीडिया कर्मियों में आपाधापी थी। सबसे अच्छी फ़ुटेज लेने की। चिंता थी कैमरे चमकाने की। बाइट लेने की जल्दी थी। लोगों की जान की परवाह किसे! अधिकारी बोट पर बैठकर मीडिया के लिए बाइट देते रहे। और जब सवाल किया गया तो अधिकारी ने कहा दिया कि लोगों तक सूचना पहुँचाकर मीडिया मदद कर रहा था। बता दें कि ख़बर लिखे जाने तक डूबे लोगों को ढूँढने का काम जारी था।
शर्मनाक पत्रकारिता! लोग डूबते रहे, रेस्क्यू ‘रोक कर’ टीवी पर होता रहा ‘लाइव’
- मध्य प्रदेश
- |
- |
- 13 Sep, 2019

भोपाल में लोग डूब रहे थे और बचाव के लिए गई नावें वीडियो बनवाने में लगी रहीं। गोताखोरों को मीडिया के लिए अच्छी फ़ुटेज देने के काम में लगा दिया गया। क्या मर गई इंसानियत?
दरअसल, घटना है भोपाल की। गणेश विजर्सन के दौरान शुक्रवार तड़के बड़ा हादसा हो गया। नाव पलटने से 11 युवकों की मौत हो गई। प्रतिमा विजर्सन के दौरान ज़िला प्रशासन और नगर निगम की बदइंतज़ामी और घनघोर लापरवाहियों की वजह से यह हादसा हुआ। दिल दहलाने वाली घटना के बाद मध्य प्रदेश के राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीआरएफ़) और मीडिया का ‘कुरूप’ चेहरा भी सामने आया। रेस्क्यू ऑपरेशन को बाधित कर मीडिया वाले एसडीआरएफ़ की नावों पर सवार होकर अपने-अपने ‘चैनलों’ के लिए ‘लाइव’ करते रहे। इससे बचाव कार्य न केवल प्रभावित हुआ, बल्कि विलंब भी हुआ।