इंदौर में चूड़ी बेचने वाले एक युवक की पिटाई से पहले भी वहां छोटी-बड़ी कुछ घटनाएं हुई थीं। प्रमुख घटना में चूड़ी बेचने वाले युवक के साथ मारपीट का वीडियो वायरल हुआ था और उसके ख़िलाफ़ पॉक्सो एक्ट सहित कई धाराओं में मुक़दमा दर्ज कर दिया गया था। चूड़ी बेचने वाले युवक का नाम तसलीम अली था।
तसलीम अली जब गोविंद बाज़ार वाले इलाक़े में चूड़ी की फेरी लगा रहा था, तभी कुछ लोगों ने चिल्लाते हुए कहा था कि बॉम्बे बाज़ार का बदला लो। इन्हीं लोगों ने उसे पीटा था। आख़िर क्या हुआ था बॉम्बे बाज़ार में। बॉम्बे बाज़ार गोविंद नगर से 4 किमी. दूर है।
बॉम्बे बाज़ार की घटना
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने इस बारे में हिंदू और मुसलिम समुदाय के लोगों से बात की है। बॉम्बे बाज़ार वाली घटना में दलित लड़कियां अपने चाचा रोहित साल्वी के साथ खड़ी थीं। तभी उन्हें कुछ लोगों ने घेर लिया। इन लोगों को यह ग़लतफहमी हुई थी कि मुसलिम लड़कियां किसी हिंदू शख़्स के साथ खड़ी हैं।
इन लोगों ने लड़कियों से जबरन उनके आधार कार्ड मांगे और अपनी पहचान बताने के लिए कहा। इसके बाद जोरदार बहस हुई और भीड़ ने इन पर हमला कर दिया लेकिन पुलिस ने दख़ल देकर इन्हें बचा लिया। पुलिस ने हत्या की कोशिश सहित आईपीसी की 10 धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया था। यह वाक़या 13 अगस्त को हुआ था।
हिंदू जागरण मंच के मालवा प्रांत के प्रांत प्रचार प्रमुख राजपाल जोशी ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से कहा कि चूड़ी वाले की पिटाई की घटना भीड़ के द्वारा किया हमला नहीं था बल्कि बॉम्बे बाज़ार वाली घटना भीड़ के द्वारा किया गया हमला थी।
इंदौर के प्रमुख काज़ी इशरत अली ने कहा कि यह सब बॉम्बे बाज़ार से शुरू हुआ और चूड़ी वाले के साथ जो हुआ, वहां जाकर ख़त्म हुआ। पुलिस ने इस मामले में कुछ कहने से इनकार कर दिया है।
‘रिवर्स लव जिहाद’
बॉम्बे बाज़ार से पहले भी 4 अगस्त को एक वाक़या हुआ। इसमें 18 साल की मुसलिम लड़की ने हिंदू लड़के से शादी की थी। उसके पिता ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ को बताया कि उनकी बेटी का ब्रेन वॉश किया गया और थाने में उन्हें उनकी बेटी से बात करने के लिए दो मिनट का भी वक़्त नहीं दिया गया।
इस तरह की घटनाओं को मुसलिम समुदाय ‘रिवर्स लव जिहाद’ की घटना मानता है।
दोनों समुदायों के लोग भिड़े
बॉम्बे बाज़ार वाले वाक़ये के दो दिन बाद यानी 15 अगस्त वाले दिन इंदौर की नायता मुल्ला कॉलोनी में दोनों समुदायों के लोग भिड़ गए थे। झंडा फहराने के बाद हुई पत्थरबाज़ी और भड़काऊ नारे की घटनाओं को लेकर दोनों समुदायों की ओर से तेजाजी नगर पुलिस थाने में एफ़आईआर दर्ज कराई गई थी।
15 अगस्त वाले दिन नायता मुल्ला कॉलोनी से 10 किमी. दूर भी एक वाक़या हुआ। इसमें एक महिला ने लोगों से कहा कि ‘भारत माता की जय’ के बाद वे ‘हिंदू राष्ट्र की जय’ और ‘हिंदू धर्म की जय’ का नारा दोहराएं। लेकिन कुछ लोगों ने ‘या हुसैन’ के नारे लगाए। यह कार्यक्रम बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की ओर से आयोजित किया गया था।
स्थानीय विधायक मालिनी सिंह गौर ने कहा कि यहां तालिबानी संस्कृति नहीं चलेगी और जो यहां रहना चाहता है उसे ‘भारत माता की जय’ और ‘वंदे मातरम’ के नारे लगाने होंगे।
लोगों की है जिम्मेदारी
इस सबसे पता चलता है कि इंदौर के आसपास इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही हैं। इनसे सिर्फ़ माहौल ख़राब होता है, नेता अपनी सियासत चमकाते हैं, लोगों में दूरियां पैदा होती हैं और नफ़रत का माहौल एक दिन दंगे करवा देता है। इसमें मज़लूम लोग मारे जाते हैं और वही लोग जान-माल का नुक़सान भी उठाते हैं।
ऐसे में दोनों समुदायों के जिम्मेदार लोगों को भड़काऊ बातें करने वाले अपने समुदाय के किसी भी शख़्स का बहिष्कार करना चाहिए और पुलिस को भी बिना किसी का पक्ष लिए ऐसे मामलों में बेहद सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए।
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