भारत की बहुत बड़ी आबादी अशिक्षित है। ख़ासकर ग्रामीण इलाक़ों में नीम-हकीम, बाबा और ओझाओं से रोगों का ‘इलाज’ आम है। नीम-हकीम, बाबा और ओझा के भरोसे रहना कितना घातक और जानलेवा साबित हो सकता है, इसका ज्वलंत उदाहरण मध्य प्रदेश के रतलाम से सामने आया है। हर मर्ज का हाथ चूमकर 'इलाज' करने वाला एक स्वयंभू बाबा, कोरोना का भी ‘उपचार’ करता रहा। बाबा की ख़ुद की जान चली गई और मृत्यु के पहले वह दो दर्जन लोगों को कोरोना वायरस का संक्रमण दे गया।
हाथ चूमकर कोरोना का 'इलाज' करने वाले बाबा की मौत, 23 को दे गया संक्रमण
- मध्य प्रदेश
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- संजीव श्रीवास्तव
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- 12 Jun, 2020

संजीव श्रीवास्तव
हर मर्ज का हाथ चूमकर इलाज करने वाला एक स्वयंभू बाबा, कोरोना का भी ‘उपचार’ करता रहा। बाबा की ख़ुद की जान चली गई और मृत्यु के पहले वह दो दर्जन लोगों को कोरोना दे गया।
जानकारी के अनुसार रतलाम के नयापुरा क्षेत्र में असलम बाबा नामक शख्स लंबे वक़्त से झाड़-फूँक और अन्य तरीक़ों से तमाम रोगों का इलाज कर रहा था। असलम हरेक रोग का उपचार हाथ चूमकर करने के लिए मशहूर रहा।