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बाबूलाल मरांडी
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मध्यप्रदेश में राष्ट गीत वंदेमातरम पर चल रहे विवाद में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह भी कूद पड़े हैं। सरकारी दफ़्तरों में राष्ट्र गीत बीजेपी सरकार के समय शुरू हुआ था, जिसे बंद करने के कमलनाथ सरकार के फ़ैसले को उन्होंने मुसलिम तुष्टिकरण क़रार दिया है। शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी सवाल किया है कि 'वंदे मातरम का यह अपमान क्या उनका निर्णय है?'
बाबूलाल गौर ने मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद हर महीने की पहली तारीख को राज्य मंत्रालय के सामने वंदे मातरम गायन की शुरूआत कराई थी। आयोजन में राजधानी में मौजूद रहने पर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव के अलावा मंत्रीगण, अधिकारी और कर्मचारीगण शामिल होते थे। शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने इस परिपाटी को जारी रखा।
राज्य में पिछले क़रीब 14 सालों से यह सिलसिला चलता रहा।
मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ ने एक जनवरी को इस परिपाटी को बंद कर दिया। मंगलवार को गायन नहीं हुआ तो मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया। पूर्व मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि राष्टभक्ति से जुड़े मसले पर नई सरकार की कथित बेरूखी ठीक नहीं हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि सरकार इस परंपरा के निर्वहन के पक्ष में नहीं तो वे इस परिपाटी को आगे बढ़ाने की ज़िम्मेदारी लेने को तैयार हैं। उधर परंपरा की शुरूआत करने वाले पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने कहा, 'वे मुख्यमंत्री कमलनाथ से इस बारे में बातचीत करेंगे।'
भाजपा के राष्ट्ीय अध्यक्ष अमित शाह ने वंदे मातरम पर कमलनाथ सरकार के कथित प्रतिबंध को अत्यंत 'दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक' क़रार दिया। शाह ने वंदे मातरम पर प्रतिबंध देश के लिए बलिदान हो जाने वालों का अपमान और मध्यप्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात बताया। उन्होंने कहा, 'मेरे जैसे एक आम भारतीय की दृष्टि में राष्ट्रगीत पर प्रतिबंध देशद्रोह के समान है।'
मामले ने तूल पकड़ा तो कमलनाथ ने कहा कि सरकार परंपरा बंद नहीं कर रही है। नये स्वरूप में इस परिपाटी की शुरूआत बहुत शीघ्र की जाएगी। कमलनाथ ने पूरे मामले पर राजनीति को अनुचित क़रार दिया। इस बीच बुधवार को भाजपा के भोपाल ज़िले के चारों विधायकों, भाजपा पार्षदों और पदाधिकारियों समेत बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ताओं ने वल्लभ भवन पहुंचकर वंदे मातरम गीत का गायन किया।
वंदे मातरम गीत के आयोजन के बाद मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेष महामंत्री विष्णुदत्त शर्मा ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर कमलनाथ सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा, ‘कमलनाथ सरकार का निर्णय बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उनकी सरकार को हर सूरत में वंदे मातरम का गायन फिर शुरू करना पड़ेगा।
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