कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने अपनी बहन प्रियंका गाँधी वाड्रा को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाकर पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त कर दिया है। वहीं मध्य प्रदेश में पार्टी को जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी तरक्की देते हुए राष्ट्रीय महासचिव बनाकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कमान सौंप दी है। राहुल गाँधी के इस फ़ैसले के बाद कांग्रेस में जश्न का माहौल है। वरिष्ठ नेताओं से लेकर आम कार्यकर्ताओं तक का जोश बल्लियों उछल रहा है। प्रियंका को महासचिव बनाए जाने की ख़बर के बाद कांग्रेस दफ़्तर में ढोल-नगाड़े से और आतिशबाजी करके कार्यकर्ताओं ने राहुल गाँधी के इस फ़ैसले पर अपनी ख़ुशी का इज़हार किया।
प्रियंका के राजनीति में आने से क्यों मच गई खलबली?
- चुनाव 2019
- |
- |
- 12 Feb, 2019

प्रियंका गाँधी की राजनीति में आज कदम रखने के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। कांग्रेस के इस फ़ैसले पर इतना शोर क्यों?
शीला दीक्षित ने इस फ़ैसले को लोकसभा चुनाव में पासा पलटने वाला फ़ैसला क़रार दिया है। वहीं कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा है कि राहुल गाँधी के इस फ़ैसले से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नया जोश भर गया है। इसी तरह कांग्रेस के तमाम नेता इस फ़ैसले पर अपनी ख़ुशी का इज़हार कर रहे हैं। ग़ौरतलब है कि कांग्रेस कार्यकर्ता लंबे अरसे से प्रियंका गाँधी से राजनीति में आने का आग्रह करते रहे हैं। और प्रियंका गाँधी हमेशा कार्यकर्ताओं की माँग पर यही कहती रही थी कि वक्त आने पर वह फ़ैसला करेंगी।
प्रियंका से कांग्रेस को फ़ायदे की उम्मीद
कांग्रेस के तमाम नेताओं को लगता है कि प्रियंका गाँधी के सक्रिय राजनीति में आने से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ा फ़ायदा होगा। ख़ासकर प्रियंका गाँधी में इंदिरा गाँधी की छवि देखने वाली गाँव-देहात की महिलाएँ टूटकर कांग्रेस के पक्ष में वोट करेंगी। कांग्रेस के इस कदम को ममता बनर्जी और मायावती की काट के रूप में भी देखा जा रहा है। ग़ौरतलब है कि ममता बनर्जी और मायावती राहुल गाँधी के प्रधानमंत्री बनने में सबसे बड़ा रोड़ा बनी हुई हैं। प्रियंका गाँधी को आज भी गाँव-देहात में उनके असली नाम की बजाय इंदिरा गाँधी की पोती के रूप में जाना जाता है। उनकी यही छवि कांग्रेस के लिए फ़ायदेमंद साबित हो सकती है।