मोदी सरकार ने वक़्फ़ की संपत्ति पर बरसों से क़ब्ज़ा जमाए बैठे लोगों को 10 साल और क़ाबिज़ रहने की मोहलत दे दी है। वक़्फ़ की संपत्तियों को क़ब्ज़ेदारों से आज़ाद कराने के लिए यूपीए सरकार ने एक बेहद मज़बूत क़ानून (वक़्फ़ क़ानून 2014) बनाया था। मोदी सरकार ने इस क़ानून के सख़्त प्रावधानों को कमजोर करके इसे बिना नाखून और बिना दाँतों वाला शेर बना दिया है। क़ानून में बदलाव एक कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर किए गए हैं।
सरकार ने वक़्फ़ क़ानून को किया कमज़ोर, क़ब्ज़ेदारों को दी मोहलत
- देश
- |
- |
- 20 Jan, 2019

मोदी सरकार ने वक़्फ़ की संपत्ति पर क़ब्ज़ा जमाए बैठे लोगों को 10 साल और क़ाबिज़ रहने की मोहलत दे दी है। सरकार का तर्क है कि यूपीए सरकार में बना क़ानून व्यावहारिक नहीं था।
क्या असर होगा इन बदलावों से
वक़्फ़ क़ानून 2014 में होने वाले बदलावों के साथ ही वक़्फ़ की बड़ी-बड़ी और बेहद महंगी संपत्तियों पर बरसोंं से क़ब्ज़ा जमाए लोगों के हौसले बुलंद होंगे। इससे बेसहारा बुज़ुर्ग, विधवा औरतों, यतीम बच्चों और समाज के दबे-कुचले तबक़ों के लोगों को राहत देने के लिए वक़्फ़ की गई संपत्तियों की लूट बदस्तूर जारी रहेगी।