इंडिया टुडे समूह की ओर से कराए गए सर्वे में पाया गया है कि अगले आम चुनाव में देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में बीजेपी को ज़बरदस्त नुक़सान होने की आशंका है। चुनाव पूर्व इस सर्वे के मुताबिक राज्य की 80 में से बीजेपी-अपना दल गठबंधन को सिर्फ़ 18 सीटें मिल सकती हैं। पिछले आम चुनाव में इस राज्य में बीजेपी को 73 सीटें मिली थीं। मतलब साफ़ है, राजनीतिक रूप से सबसे संवेदनशील राज्य में सत्तारूढ़ दल को 55 सीटों का घाटा हो सकता है। कांग्रेस को यहां 4 सीटें मिलती दिख रही है, जबिक बीते चुनाव में यहां इसे सिर्फ़ 2 सीटें ही मिल पाई थीं। दूसरी ओर, सपा-बसपा गठबंधन को राष्ट्रीय लोकदल के साथ मिल कर 58 सीटें मिल सकती हैं।

बीते लोकसभा चुनाव में एसपी को 5 सीटें मिली थीं, जबकि बीएसपी और राष्ट्रीय लोकदल अपना खाता ही नहीं खोल पाए थे। इन तीनों दलों ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था, लिहाज़ा उसे गठबंधन नहीं कहा जा सकता, जबकि इस बार ये गठबंधन बना कर मैदान में उतरेंगे।
कांग्रेस ने खेला दाँव : प्रियंका गाँधी बनीं कांग्रेस महासचिव, अमेठी से लड़ेंगी चुनाव
वाड्रा की चुनौती : रॉबर्ट वाड्रा पर लगे आरोपों का सामना कैसे करेंगी प्रियंका?
राहुल के नये तेवर : बैकफ़ुट नहीं, फ्रंटफ़ुट पर खेलेंगे

इंडिया टुडे-कार्बी इनसाइट्स ने मिल कर यह सर्वे 18 दिसंबर से 8 जनवरी के बीच किया, जिसमें लगभग 2,500 लोगों ने भाग लिया। राज्य के 20 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में यह ओपिनियन पोल किया गया।
वंशवाद का इतिहास : नेहरू से लेकर प्रियंका तक, कांग्रेस में नेहरू-गाँधी परिवार
रैली का इंतज़ार : लखनऊ में 10 फ़रवरी को प्रियंका गाँधी की रैली
ये महज़ ओपिनियन पोल हैं, चुनाव नतीजे इनसे अलग भी हो सकते हैं। पर यदि चुनाव नतीजे ऐसे ही हुए, तो सत्तारूढ़ दल के लिए ख़तरे की घंटी है। उत्तर प्रदेश से ही सबसे अधिक सांसद आते हैं और वहीं यदि यह 55 सीटों का नुक़सान उठा कर 18 सीटों पर सिमट जाए तो बहुमत का आँकड़ा पार करना मुश्किल भी हो सकता है। दूसरी ओर, यदि एसपी-बीएसपी-आरएलडी के पास यदि 58 सीटें हों तो वे किसी दल को समर्थन देने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। ऐसे में मायावती के लिए प्रधानमंत्री पद की माँग करना आसान हो जाएगा।
अपनी राय बतायें