कहते हैं इतिहास खुद को दोहराता है। वक़्त बदल जाता है। पात्र बदल जाते हैं। घटनाएं वहीं रहती हैं। भारतीय राजनीति का चक्र भी घूमते-घूमते 2004 के लोकसभा चुनाव जैसा परिदृश्य फिर से दिखा रहा है। तब बीजेपी के दिग्गज नेता अटलबिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। उन्हें सत्ता से बाहर करने के लिए तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने गठबंधन की राजनीति की शुरुआत की थी। तब कोई सोच भी नहीं सकता था कि सिर्फ़ पाँच साल के राजनीतिक अनुभव वाली सोनिया पचास साल के राजनीतिक अनुभव वाले वाजपेयी को सत्ता से उखाड़ फेकेंगी। लेकिन ऐसा हुआ और दुनिया ने देखा कि सोनिया गाँधी ने ऐसे-ऐसे नेताओं को साथ लेकर गठबंधन बनाया जो कभी विदेशी मूल के मुद्दे पर उनके ख़िलाफ़ थे।