लालू यादव के बड़े लाल तेज़प्रताप यादव अभी काफी फ़ॉर्म में नज़र आ रहे हैं। पत्नी से तलाक़ की अर्ज़ी कोर्ट में देकर बृंदावन में महीनों प्रवास के बाद पटना लौटे तेजप्रताप यादव की ‘राजनीतिक’ सक्रियता के पीछे का राज़ क्या है? इसको समझने के लिए राजद के प्रथम परिवार का हल्का पोस्टमार्टम ज़रूरी है।
तेज़प्रताप की राजनीतिक सक्रियता के पीछे है बदले की भावना
- बिहार
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- 12 Jul, 2019
लालू प्रसाद के बड़े बेटे को मलाल है कि छोटे बेटे को पार्टी की कमान दे दी गई, लिहाज़ा, वे बदले की भावना से राजनीति में सक्रिय हैं। पर क्या वे कामयाब हो पाएंगे?

तेज़प्रताप यादव अपनी माता राबड़ी देबी के काफ़ी क़रीब माने जाते रहे हैं, जबकि तेजस्वी यादव के सिर पर उनके पिता लालू यादव का आशीर्वाद रहा है। लालू प्रसाद ने अपने इच्छा के अनुरूप तेजस्वी को अपना अघोषित उत्तराधिकारी बना दिया है। शुरूआती दौर में राबड़ी देबी की रज़ामंदी नहीं थी। लेकिन नीतीश कुमार के पल्टी मारने और लालू यादव के जेल जाने के बाद तेजस्वी की हाथ में पार्टी की बागडोर देना ज़रूरी हो गया था। माँ के स्नेह और प्यार की पंख लिए तेजप्रताप यादव को बचपन से ही आसमान में उड़ने की आदत है। लिहाज़ा, उन्होनें पिता के अघोषित निर्णय को दिल से कभी स्वीकार नहीं किया।
उड़ने का शौक
कुल तीन में से एक मामा की बात पर विश्वास करें तो तेजप्रताप को बचपन से ही जहाज़ के साथ खेलने की आदत थी। छात्र जीवन में मित्रों के साथ घूमना-फिरना और सुबह-शाम नियमित रूप से भगवान कृष्ण की पूजा-पाठ करना इनकी दैनिन्दनी रही है।