वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ चुनावी ताल ठोकने से इनकार के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अब अपने भाई और पार्टा अध्यक्ष राहुल गांधी की जीत सुनिश्चित करने के लिए अमेठी में केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की उम्मीदवार स्मृति ईरानी से उलझ रहीं हैं। शनिवार रात को अचानक अमेठी पहुँची प्रियंका ने रविवार को स्मृति ईरानी के तूफानी जनसंपर्क अभियान की काट के लिए घर-घर दौरा करके लोगों को समझाना शुरू किया कि वे स्मृति को वोट देने के बजाय राहुल गांधी को ही एक बार फिर अपना वोट दें।
राहुल की हार का डर
बता दें कि तब 'सत्यहिंद' ने अपने पाठकों के बताया था कि प्रियंका को अमेठी में राहुल की हार का डर सता रहा है। वह भले ही कांर्यकर्ताओं के कंधों पर उन्हें जिताने की ज़िम्मेदारी डाल रहीं हों, लेकिन आख़िरी वक़्त में उन्हें खुद चुनाव प्रचार और चुनाव प्रबंधन की कमान संभालने के लिए मतदान से कुछ दिन पहले डेरा डालना पड़ सकता है। आख़िरी दिनों में अमेठी में मतदान छह मई को होना है। लेकिन चौथे चरण के मतदान से पहले ही अचानक प्रियंका का अमेठी पहुंचना इसी तरफ इशारा कर रहा है कि राहुल की जीत के लिए वह कोई जोखिम नहीं उठाना चाहतीं।
स्मृति ने भी तुर्की ब तुर्की जवाब दिया। स्मृति बोलीं कि प्रियंका को यह भी बताना चाहिए कि 15 साल से अमेठी का सांसद (राहुल गांधी) कहाँ हैं।
ईरानी का पलटवार
प्रियंका गांधी वाड्रा और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच ज़ुबानी जंग तेज़ हो गई है। प्रियंका ने कहा कि 5 साल में स्मृति केवल 16 बार अमेठी आईं हैं। पूरे अमेठी क्षेत्र में भी नहीं घूमीं हैं। इस पर ईरानी ने कहा कि वह इस बात से बेहद ख़ुश हैं कि प्रियंका उनके अमेठी आने का हिसाब रख रही हैं। लेकिन वह लोगों को यह बताने में असमर्थ हैं कि यहाँ से 15 साल से सांसद (राहुल गांधी) कहाँ हैं। प्रियंका को लोगों को इसके बारे में भी बताना चाहिए। अमेठी में 6 मई को मतदान है।
दलितों तक पहुँचने की कोशिश
प्रियंका शनिवार रात अचानक अमेठी पहुंचकर रात मे ही कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। रविवार सुबह प्रियंका अमेठी में बसपा नेता जयप्रकाश तिवारी के घर पहुंचकर उनसे मुलाक़ात की। तिवारी बसपा से ब्लाक प्रमुख रह चुके हैं। बता दें कि सपा और बसपा ने अमेठी और रायबरेली में अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। इन दोनों ही सीटों पर सपा-बसपा गठबंधन ने कांग्रेस को समर्थन का ऐलान किया है।
प्रियंका सपा-बसपा के नेताओं से उनके घर जाकर मुलाक़ात करके यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि उनके समर्थकों के वोट कांग्रेस के हक में ही पड़ें।
तू डाल-डाल, मैं पात-पात
प्रियंका के इस तरह घर-घर जाकर लोगों से मिलने की इस मुहिम से लगता है कि उन्हें स्मृति ईरानी के लगातार अमेठी में रहने से कुछ मतदाताओं के खिसकने का ख़तरा महसूस हो रहा है। ख़ासकर पीएम मोदी के नामांकन के वक़्त उमड़े जन सैलाब, एनडीए के तमाम नेताओं की एक मंच पर मौजूदगी और गंगा घाट पर भगवा वस्त्रों में पीएम मोदी का आरती के ज़रिए खुलेआम हिंदू कार्ड खेलने के बाद यह ख़तरा और बढ़ गया है। प्रचार के अख़िरी दिन पिछले चुनाव की तरह इस बार भी पीएम मोदी यहाँ बड़ी रैली कर सकते हैं। इससे निपटने के लिए प्रियंका एंड़ी-चोटी का ज़ोर लगा रहीं हैं।
आग लगने की ख़बर पाते ही स्मृति वहाँ पहुँच गईं। वहाँ फायर ब्रिगेड गाड़ी आने में देरी होने पर उन्होंने खुद ही नल से पानी भरकर प्रभावित घरों और खेतों में डलवाना शुरू कर दिया। साथ ही रोती-बिलखती महिलाओं को सांत्वना दी। इस घटना की तसवीरें मीडिया और सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं।
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