श्रीलंका में ईस्टर के दिन हुए बम धमाकों के बाद बुर्क़े पर पाबंदी लगाने की ख़बरों के बाद इसे लेकर भारत में भी जमकर बवाल मचा। बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी शिवसेना ने भारत में भी बुर्क़े पर पूरी तरह पाबंदी लगाने की माँग की। शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र सामना में एक लेख लिखकर केंद्र सरकार से पूछा कि जब रावण की लंका में बुर्क़े पर पाबंदी लग गई है तो राम की अयोध्या में कब लगेगी? 
चुनावों के दौरान शिवसेना की इस माँग ने राजनीतिक और सांप्रदायिक रूप ले लिया। इसे लेकर दिन भर टीवी चैनलों पर बहस हुई। यह सवाल भी उठाया गया कि क्या बुर्क़ा इसलाम का ज़रूरी हिस्सा है? क्या शरई एतबार से मुसलिम महिलाओं के लिए बुर्क़ा पहनना ज़रूरी है?