‘मुसलिम तुष्टीकरण’ के आरोपों और उसकी काट में बहुमतवाद को मुख्य चुनावी हथियार बनाने वाले देश में इस बार भी केंद्र की सत्ता में मुसलमानों की हिस्सेदारी लगभग शून्य होगी। इस चुनाव में कुल मिला कर 25 मुसलमान सांसद चुने गए हैं, जो लोकसभा की 543 सीटों के 5 प्रतिशत से भी कम है। यहाँ मुसलमानों की आबादी 14 प्रतिशत है, यानी उनकी जितनी जनसंख्या है, उस अनुपात में सांसद नहीं चुने गए हैं।