पन्द्रह सालों की सत्ता गँवाने के बाद मध्य प्रदेश बीजेपी अपने पुराने और बुरे दौर में खड़ी नज़र आ रही है। फ़िलहाल प्रदेश बीजेपी के हाल मध्यप्रदेश की सत्ता वापसी के पहले वाली कांग्रेस खेमे जैसे बने दिख रहे हैं। लोकसभा चुनाव के लिये प्रचार ज़ोर पकड़ चुका है, लेकिन बीजेपी अपने गढ़ समेत आठ सीटों के उम्मीदवार घोषित नहीं कर पायी है। प्रदेश के नेताओं में टिकट को लेकर घमासान मचा हुआ है। पार्टी ने जिन सांसदों के टिकट काटे हैं, उनमें से कई ने बग़ावत का बिगुल फूँक कर पार्टी की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं। आलम यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश बीजेपी में बड़ी हैसियत रखने वाले शिवराज सिंह चौहान से लेकर मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष रहे नरेंद्र सिंह तोमर और प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह की नसीहतों का असर भी इन पर होता नज़र नहीं आ रहा है।
मध्य प्रदेश में मोदी-शाह के ‘प्लान’ पर फिर सकता है पानी!
- चुनाव 2019
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- 7 Apr, 2019

पन्द्रह सालों की सत्ता गँवाने के बाद मध्य प्रदेश बीजेपी अपने पुराने और बुरे दौर में खड़ी नज़र आ रही है। फ़िलहाल प्रदेश बीजेपी के हाल मध्यप्रदेश की सत्ता वापसी के पहले वाली कांग्रेस खेमे जैसे बने दिख रहे हैं।