अरसे से बहस का विषय बना उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन अब शक्ल लेने लगा है। कांग्रेस महागठबंधन से बाहर हो गई है, पर कुछ छोटे दलों व कम्युनिस्ट पार्टियों के लिए गुंजाइश निकाली गई है। शुक्रवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के बीच रामगोपाल यादव की मौजूदगी में हुई बैठक में महागठबंधन की तमाम पेचीदगियों को सुलझाने का काम हुआ। अखिलेश ने मायावती को उनकी पसंद की सीताफल आइसक्रीम खिलाकर सीटों पर बात पक्की होने की खुशी मनाई।
सीताफल आइसक्रीम पर तय हुआ बुआ-भतीजे में सीटों का बँटवारा
- चुनाव 2019
- |
- 6 Jan, 2019
लंबे समय से इस पर बहस हो रही थी कि उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा और कांग्रेस साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे या नहीं। अब यह तय हो गया है कि कांग्रेस इस गठबंधन से बाहर रहेगी।

सपा 36, बसपा 34 सीटों पर लड़ेगी
बैठक से बाहर आए फ़ॉर्मूले के मुताबिक़, सपा और बसपा उत्तर प्रदेश में 70 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी जबकि चार सीटें राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के लिए छोड़ी जाएँगी। सपा और बसपा दोनों कांग्रेस की परंपरागत सीटों अमेठी-रायबरेली में प्रत्याशी खड़ा नहीं करेंगी। अभी तक की बातचीत के मुताबिक़, सपा 36 और बसपा 34 सीटों पर लड़ेगी। हालाँकि अमेठी व रायबरेली के लिए भी मायावती को मनाने में अखिलेश यादव को ख़ासी मशक्कत करनी पड़ी। मायावती कम से कम रायबरेली सीट पर तो अपना प्रत्याशी खड़ा करने पर आमादा थीं। आख़िरकार अखिलेश ने उन्हें तैयार कर लिया।
गठबंधन तय होने की खुशी बुआ-भतीजे ने मायावती की पसंदीदा सीताफल आइसक्रीम खा कर मनाई। मायावती को मुलायम सिंह यादव समेत तमाम नेता बहन जी कहते हैं और अखिलेशन ने उन्हें कई बार बुआ कह कर बुलाया है।
गठबंधन तय होने की खुशी बुआ-भतीजे ने मायावती की पसंदीदा सीताफल आइसक्रीम खा कर मनाई। मायावती को मुलायम सिंह यादव समेत तमाम नेता बहन जी कहते हैं और अखिलेशन ने उन्हें कई बार बुआ कह कर बुलाया है।
6-8 सीटों से ज़्यादा देने को तैयार नहीं
बैठक में कांग्रेस को लेकर सपा-बसपा में काफ़ी लंबी बातचीत हुई। दोनों नेताओं ने माना कि उत्तर प्रदेश में कानपुर, लखनऊ, धौरहरा, वाराणसी, सहारनपुर जैसी कुछ सीटों पर कांग्रेस मजबूती से भाजपा के ख़िलाफ़ लड़ सकती है पर किसी भी सूरत में इसके लिए 6-8 सीटों से ज़्यादा की गुंजाइश नहीं निकली। लेकिन कांग्रेस महागठबंधन में शामिल होने पर 20 सीटों से कम पर मानने को तैयार नहीं थी। सूत्रों का कहना है कि बाराबंकी, सहारनपुर, गाज़ियाबाद, झाँसी जैसी सीटों को लेकर मायावती एकदम अड़ी हुई थीं और उनका कहना है कि कांग्रेस के वोट किसी भी सूरत में ट्रांसफ़र नहीं होंगे लिहाजा उससे गठबंधन को कोई फ़ायदा नहीं होगा।