लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मंगलवार को देशभर में 117 सीटों पर 63 फ़ीसदी से ज़्यादा मतदान हुआ। पहले चरण में 69.45% और दूसरे चरण में 69.43% वोट पड़े थे। पहले दो चरणों के मुक़ाबले तीसरे चरण में मतदान का प्रतिशत थोड़ा कम रहा। कम मतदान ने राजनीतिक दलों की धड़कनें बढ़ा दी हैं। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद को छोड़कर देश भर में मतदान शांतिपूर्वक रहा। जैसे-जैसे मतदान के चरण बीत रहे हैं वैसे-वैसे राजनीतिक दलों के बीच रस्साकशी तेज़ होते जा रही है और एक-दूसरे पर हमले तीखे होते जा रहे हैं। इसकी झलक तीसरे चरण के मतदान के दौरान भी देखने को मिली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत कई दिग्गज नेताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। वोट डालने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ममता बनर्जी पर बरसे। प्रधानमंत्री ने कहा कि जो भ्रष्ट हैं, उन्हीं को मोदी से कष्ट है। वहींं ममता बनर्जी ने भी प्रधानमंत्री पर पलटवार किया। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ख़िलाफ़ काफ़ी आक्रामक नज़र आए। हालाँकि उन्होंने सोमवार को अपने आरोपों में सुप्रीम कोर्ट का हवाला देने के लिए खेद जताया था, लेकिन आज फिर रफ़ाल मुद्दे को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री पर आरोप लगाया। पार्टी की तरफ़ से भी कहा गया कि ‘चौकीदार चोर है’ वाले नारे पर पार्टी कायम है।
प्रधानमंत्री के वोट डालने के दौरान विवाद
प्रधानमंत्री मोदी वोट डालने से पहले अपनी माँ हीराबेन से मिलने और उनसे आशीर्वाद लेने चले गए। वहाँ पर बाकायदा फ़ोटो सेशन कराया। इसका सोशल मीडिया पर काफ़ी मज़ाक उड़ाया गया। लोग पूछ रहे हैं कि भला माँ से मिलने भी कोई फ़ोटोग्राफ़र और कैमरामैन को लेकर जाता है। उनका वोट डालना पिछले लोकसभा चुनाव की तरह इस बार भी विवादों में रहा।
मोदी के ख़िलाफ़ कांग्रेस की शिकायत
वोट डालने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने काफ़ी दूर तक रोड शो किया। देशवासियों से वोट डालने की अपील की। साथ ही यह भी कह दिया कि जहाँ आतंकियों का हथियार आईडी है वहींं वोटर का हथियार उसका वोटर आईडी कार्ड है। इस पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत कर दी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने चुनाव आयोग को लिखित में शिकायत की है कि मतदान वाले दिन प्रधानमंत्री ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करके चुनाव प्रचार किया है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग से प्रधानमंत्री पर 48 से 72 घंटे तक प्रचार करने पर पाबंदी लगाने की माँग की है।
Abhishek Manu Singhvi after a Congress delegation met EC: Today after casting his vote, PM took out a long procession & delivered a speech. There has never been such a clear violation of MCC, he is a habitual offender. We appealed to EC to bar him from campaigning for 48-72 hours pic.twitter.com/KE8DLZyscS
— ANI (@ANI) April 23, 2019
तीसरे चरण में 13 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों की जिन 117 सीटों पर वोट पड़े हैं उनमें में 2014 के चुनाव में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने 66 सीटें जीती थीं। वहीं कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने 27 पर जीत हासिल की थी। बाक़ी सीटें अन्य विपक्षी दलों और निर्दलीयों के खातों में गई थीं।
वोटिंग मशीन में ख़राबी का मुद्दा
तीसरे चरण में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया। उन्होंने बाकायदा ट्वीट कर के आरोप लगाया कि देशभर से 300 से ज़्यादा ईवीएम में ख़राबी की ख़बरें आयी हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि 50,000 करोड़ रुपए ख़र्च करने के बाद जो चुनाव का इंतज़ाम किए जा रहे हैं, उसकी क्या सार्थकता है। कई जगह से इस तरह की शिकायतें मिलीं कि कोई भी बटन दबाने पर बीजेपी को ही वोट जा रहा है। हालाँकि चुनाव आयोग ने इस तरह की शिकायतों को बेबुनियाद बताया है।
दिग्गजों की प्रतिष्ठा दाँव पर
कई पार्टियों के अध्यक्षों की प्रतिष्ठा दाँव पर लगी है। बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। राहुल गाँधी केरल की वायनाड सीट से भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं समाजवादी पार्टी के संस्थापक और लंबे समय तक अध्यक्ष रहे मुलायम सिंह यादव और उनकी पार्टी से अलग होकर नई पार्टी बनाने वाले उनके भाई शिवपाल यादव भी चुनाव लड़ रहे हैं। कभी जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष रहे शरद यादव भी मधेपुरा से इसी चरण में चुनाव मैदान में हैं। तो उन्हीं के सामने उनके पुराने साथी पप्पू यादव अपनी नई पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर ताल ठोक रहे हैं। वहीं दिग्गज नेता और एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार की बेटी सुप्रिया शुले भी शरद पवार की परंपरागत सीट बारामती से चुनाव मैदान में है।
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