चुनाव आयोग एक बार फिर कटघरे में खड़ा है। इसके कामकाज और इसकी निष्पक्षता पर सवालिया निशान लग रहे हैं। सवाल यह उठ रहा है कि चुनाव आयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति ज़्यादा मेहरबान क्यों है और क्यों उनके ख़िलाफ़ की गई शिकायतों पर ऐसे फ़ैसले ले रहा है, जिन्हें पक्षपातपूर्ण कहा जा सकता है। ताज़ा मामले में तो आयोग ने अपने बहुत वरिष्ठ अफ़सरों की रिपोर्टों की अनदेखी करते हुए मोदी को क्लीन चिट दी है।