देश की आर्थिक राजधानी कही जाने वाली मुंबई से राजनीतिक बदलाव के संकेत आ रहे हैं। कॉरपोरेट जगत मोटे तौर पर अराजनीतिक बना रहता है और सरकार के साथ मिल कर अपने व्यावसायिक हितों की रक्षा करना ही उसका मक़सद रहता है। ऐसे में यदि कॉरपोरेट घरानों से जुड़े वोटर यह कहें कि उन्हें विपक्षी गठबंधन से कोई समस्या नहीे है तो इसे एक झटके से टाला नहीं जा सकता है। इसके राजनीतिक निहितार्थ हैं। यह इसका संकेत है कि कॉपोरेट जगत विपक्ष को यह संकेत दे रहा है कि उससे भविष्य में बनने वाली गठबंधन सरकार से कोई समस्या नहीं है। इससे यह संकेत भी मिलता है केंद्र की सरकार बदल सकती है, नया नेतृत्व उसकी जगह ले सकता है, नई पार्टी या पार्टियों के गठबंधन की सरकार उस जगह आ सकती है।
मतदाताओं का रुझान?
इस लोकसभा में मराठी, उत्तर भारतीय और मुसलिम मतदाताओं की संख्या क़रीब-क़रीब बराबर है। साल 2014 में यंहाँ 50.57 % मतदान हुआ था, जो इस बार बढ कर 54.71 % हो गया। उत्तर पूर्व मुंबई मुंबई में भी 2014 के 51.07% के मुकाबले 2019 में 56.31% मतदान हुआ। उत्तर मध्य मुंबई लोकसभा सीट पर साल 2014 में 48.67% तो इस बार 52.84% मतदान हुआ। दक्षिण मध्य मुंबई लोकसभा में यह बढ़त 2% के आसपास रही। साल 2014 में यंहाँ 53.09% मतदान हुआ था, जबकि इस बार 55.35%। शहर की एक मात्र सीट दक्षिण मुंबई लोकसभा क्षेत्र में इस बार पिछले चुनाव से थोड़ा कम मतदान हुआ। साल 2014 में यंहा 52.49% मतदान हुआ जो इस बार घटकर 52.15% रह गया।
कॉरपोरेट जगत को गठबंधन से परहेज नहीं?
मुंबई में वोट करने के बाद कई कॉर्पोरेट घरानों के मुखियाओं ने प्रेस को दिए बयान में इस बात का जिक्र किया की गठबंधन सरकार से उन्हें कोई फ़र्क नहीं पड़ेगा और विकास प्रभावित नहीं होगा। मोटर कार और दूसरे उद्योगों में मजबूत उपस्थिति रखने वाले महिंद्रा समूह के प्रमुख आनंद महिंद्रा का यह कहना कि अतीत में भी गठबंधन की सरकारें रह चुकी हैं, बदलाव की ओर संकेत करता है। उनका यह कहना इसलिए भी अहम है क्योंकि वह मोदी के नज़दीक समझे जाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक कार्यक्रम में 'प्रकाश आपकी ओर से आ रहा है' बोलने वाले महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनन्द महिंद्रा की राय से यह संकेत मिल रहा है कि गठबंधन की सरकारों से डरने की कोई ज़रूरत नहीं।
“
केंद्र में गठबंधन सरकारें रह चुकी हैं और उन्होंने सुशासन दिया है। इसमें कोई दिक्क़त नहीं है। मेरी राय में हमारा लोकतंत्र बहुत परिपक्व है और हम गठबंधन सरकारों का सुशासन देख चुके हैं। इसलिए मैं चिंतित नहीं हूं।
सज्जन जिंदल, अध्यक्ष, जेएसडब्ल्यू
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी और बैंकर उदय कोटक ने मुंबई दक्षिण से कांग्रेस के उम्मीदवार मिलिंद देवड़ा के समर्थन में एक वीडियो में सार्वजनिक रूप से उनके लिए मतदान की अपील की थी।
अपनी राय बतायें