सराय की एक ख़ूबसूरत बेग़म की याद में इस ज़िले का नाम बेगूसराय रख दिया गया। 1972 में मुंगेर से अलग होकर बेगूसराय ज़िला बना, जो राष्ट्रकवि दिनकर की जन्म-भूमि है। बेगूसराय के इस चुनाव में दिनकर के द्वंदगीतों की गूंज सुनाई दी। सार्वजनिक चुनाव प्रचार में शनिवार तक द्वंदगीत गूंजते रहे। 

बीजेपी प्रत्याशी गिरिराज सिंह और वाममोर्चा के उम्मीदवार कन्हैया कुमार के साथ-साथ महागठबंधन के उम्मीदवार तनवीर हसन के बीच के द्वंद तो सार्वजनिक हो चुके। मगर, कन्हैया कुमार और तेजस्वी यादव के बीच का द्वंद सार्वजनिक नहीं हो सका। इस द्वंद के चलते वाममोर्चा महागठबंधन धर्म का पालन नहीं कर सका। फिर भी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव एस. सुधाकर रेड्डी ने बेगूसराय संसदीय सीट से अपने उम्मीदवार कन्हैया कुमार के समर्थन में महागठबंधन के उम्मीदवार तनवीर हसन को हटाने की अपील बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से की।