सुमित्रानंदन पंत छायावाद और सौंदर्य के अप्रतिम कवि। प्रकृति उनके विशाल शब्द-संसार की आत्मा है। पंत जी का जन्म 20 मई, 1900 में अल्मोड़ा के कौसानी गाँव में हुआ था। जन्म के कुछ समय बाद ही उनकी माँ चल बसीं। सात साल के होते-होते उन्हें शिद्दत से एहसास हुआ कि वह माँ की ममता से वंचित हैं। इसी उम्र में पहली कविता लिखी। इसमें बिछोह की अद्भुत प्रतिध्वनि है।
सुमित्रानंदन पंत का जन्मदिन: माँ की ममता से वंचित थे तो प्रकृति को ही माँ बना लिया!
- साहित्य
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- 20 May, 2020

छायावादी कवि सुमित्रानंदन पंत के जन्मदिन पर विशेष।
कौसानी यानी उनका गाँव मानो प्रकृति का अद्भुत दस्तख़त था। पंत जी वहाँ फूल से खिले। इस गाँव की प्रकृति को उन्होंने बाक़ायदा अपनी माँ माना और जीवनपर्यंत मानते रहे। बचपन में नेपोलियन का प्रभाव ग्रहण किया और उनकी तसवीर देखकर उन जैसे बाल रखने का निर्णय लिया और रखे भी। पिता ने नाम रखा था गुसाईं दत्त। यह उन्हें पसंद नहीं आया तो ख़ुद को सुमित्रानंदन पंत बना लिया।