अमर उजाला शब्द सम्मान 2019 के आकाशदीप सर्वोच्च सम्मान के लिए हिन्दी साहित्य के ज्ञानरंजन और मराठी साहित्य के भालचंद्र नेमाडे को चुना गया है। अमर उजाला फ़ाउंडेशन की ओर से 28 दिसंबर को आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में मशहूर कवि और फ़िल्मकार गुलज़ार यह पुरस्कार देंगे।
आकाशदीप सर्वोच्च सम्मान के अलावा श्रेष्ठ कृति सम्मान श्रेणी में उपन्यास वर्ग में ज्ञान चतुर्वेदी के 'पागलखाना' और कविता वर्ग में गगन गिल के कविता संग्रह 'मैं जब तक आई बाहर' को चुना गया है।
गगन गिल।
ज्ञान चतुर्वेदी।
इसके अलावा कथेतर वर्ग में सुनीता बुद्धिराजा की रचना 'रसराज पंडित जसराज' को चुना गया है। अनुवाद के लिए भाषाबंधु पुरस्कार उत्पल बनर्जी की 'निशब्द की तर्जनी' को चुना गया है। यह बांग्ला कवि शंख घोष की कविता संग्रह का हिन्दी अनुवाद है। प्रथम प्रकाशित कृति वर्ग में अंबर पांडेय की रचना 'कोलाहल की कविताएँ' को यह पुरस्कार दिया जाएगा।
सुनीता बुद्धिराजा।
उत्पल बनर्जी।
पिछले साल यह सम्मान हिन्दी के लिए डॉक्टर नामवर सिंह और ग़ैर हिन्दी भाषाओं में योगदान के लिए गिरी कर्नाड (कन्नड़) को दिया गया था। इस पुरस्कार में 5-5 लाख रुपये, प्रशस्ति पत्र और गंगा प्रतिमा दी जाती है।
भालचंद्र नेमाडे।
भालचंद्र नेमाडे ने उन्हें पुरस्कार मिलने पर इसे मानवी सभ्यताओं के विचार और भाषिक संस्कृति के मूल्यवान साझेदारी की निरंतरता का सम्मान बताया। हिन्दी कथाकार ज्ञानरंजन ने कहा कि यह सम्मान रचनाधर्मिता के स्वतंत्रता मिजाज का अभिनंदन है।
मशहूर कथाकार अब्दुल बिस्मिल्लाह, कवि अरुण कमल, आलोचक नंदकिशोर आचार्य, कवियित्री अनामिका और समीक्षक ज्योति जोशी के निर्णायक मंडल ने इन पुरस्कारों के लिए रचनाओं को चुना।
अमर उजाला प्रकाशन समूह फाउंडेशन ने अमर उजाला शब्द सम्मान स्थापित किया है। इस साल आकाशदीप से सम्मानित भालचंद्र नेमाडे का मराठी साहित्य पर गहरा प्रभाव है। 'कोसला' और 'हिन्दू' जैसी कृतियों ने उन्हें श्रेष्ठतम रचनाकारों में ला खड़ा किया। हिन्दी के लिए आकाशदीप से सम्मानित ज्ञानरंजन मशहूर कथाकार हैं और उन्होंने लंबे समय तक 'पहल' पत्रिका का संपादन किया है।
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