तीन तलाक़ के विधयक को लोकसभा ने दुबारा पास कर दिया है। यह एक गुनाह बेलज्ज़त है, क्योंकि इसे लोकसभा के आधे सदस्यों का भी समर्थन नहीं मिला। सिर्फ 246 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट दिया। ज्यादातर दलों ने इसका बहिष्कार किया। पिछले साल भी इस विधेयक को इसी तरह पास कर दिया गया था, लेकिन वह राज्यसभा में पिट गया था। हमारी सर्वज्ञ सरकार को कुछ अकल आई और उसने इसमें कई जरूरी संशोधन कर दिए। अब भी यह विधेयक तीन टांग की कुर्सी बना हुआ है।
तीन तलाक़ विधेयक: तीन टांग की कुर्सी
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- 7 Feb, 2019

सब कुछ जानने वाली बीजेपी सरकार को यह पूछा जाना चाहिए कि पति के जेल जाने के बाद उसकी बीबी और उसके बच्चे क्या खाएंगे। क्या वह सिर्फ मुसलमानों को परेशान करना चाहती है?