रामनवमी और उसके बाद देश के कई राज्यों में सांप्रदायिक हिंसा हुई जिसमें बिहार और बंगाल ज्यादा प्रभावित हुए। बिहार के मुख्यमंत्री ने राज्य में हुई हिंसा के लिए बीजेपी और असदुद्दीन ओवैसी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। साथ ही उन्होंने हिंसा में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए जांच की बात भी कही थी।

बिहार पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार आरोपियों ने इस हिंसा को भड़काने के लिए सोशल मीडिया का प्रयोग किया। इसके लिए व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गये थे। बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) जांच में पता चला है कि आरोपियों ने एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया था, इसके माध्यम से वे विभिन्न समुदायों के खिलाफ लोगों के बीच नफरत फैला रहे थे। आरोपी लोगों को फर्जी वीडियो संदेश फैलाने के लिए भी उकसा रहे थे। आरोपियों के कब्जे से पांच मोबाइल फोन भी बरामद किए गये हैं, जिनकी जांच की जा रही है।