‘ओवरसीज कांग्रेस’ के नेता सैम पित्रोदा ने बीजेपी को अब नया टेका लगा दिया है। उनके बालाकोट हमले संबंधी बयान को बीजेपी के नेताओं और ख़बर के भूखे टीवी चैनलों ने तिल का ताड़ बना दिया है। सैम पित्रोदा को मैं पिछले 20-25 साल से जानता हूँ। वह जब शिकागो की एक बस्ती ऑकलैंड में रहते थे और उन्हें हृदयाघात हुआ था, तब मैं उन्हें देखने उनके घर भी गया था। वह नेताओं की तरह चतुर-चालाक नहीं हैं। वह सीधे-सादे आदमी हैं। उन्होंने उस समय जो बात मुझसे कही थी, उसे आज मैं खोल दूँ तो आज भी काफ़ी तहलका मच सकता है लेकिन मैं वह क़तई नहीं करुंगा। लेकिन अभी जब पित्रोदा ने बालाकोट में मारे जानेवाले 300 लोगों के प्रमाण माँगे तो उन पर पाकिस्तान के प्रवक्ता, एजेंट और वकील होने के आरोप लगाए जा रहे हैं। उनकी इस माँग को शर्मनाक बताया जा रहा है।
सैम पित्रोदाः तिल का ताड़ क्यों?
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- 23 Mar, 2019

बालाकोट में फ़ौज की कार्रवाई का कोई भी दल राजनीतिक फ़ायदा उठाने या इसे निरर्थक सिद्ध करके सरकार को बदनाम करने की कोशिश करे, ये दोनों बातें गलत हैं। स्वयं पाकिस्तान ने स्वीकार किया है कि बालाकोट पर भारत का हमला हुआ है (और वहाँ एक कबूतर मारा पाया गया) तो अब उसका प्रमाण देने की क्या ज़रूरत रह गई है?