केरल पुलिस ने दो दिन पहले अलपुझा में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया यानी एसडीपीआई के राज्य सचिव के एस शान की हत्या के मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस के दो कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। इस मामले में अभी 8 अन्य आरोपियों को गिरफ़्तार किया जाना है। पुलिस ने कहा है कि साज़िश के तहत हत्या की गई थी।
के एस शान की शनिवार रात हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के कुछ घंटे बाद ही रविवार सुबह बीजेपी ओबीसी मोर्चा के राज्य सचिव रंजीत श्रीनिवासन की हत्या की ख़बर आई थी। इस मामले में अभी तक कोई गिरफ़्तारी नहीं हो पाई है। शुरुआती तौर पर कहा गया कि दोनों हत्याओं में संबंध हो सकता है और ये हत्याएँ प्रतिशोध की तरह लग रही थीं।
मुख्यमंत्री पी. विजयन ने दोनों हत्याओं की कड़ी निंदा की। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा कि सीएम ने पुलिस अफ़सरों को निर्देश दिए हैं कि हमलावरों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाए।
केरल में बीजेपी नेता की हत्या ने राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सी. टी. रवि ने पीएफ़आई के कार्यकर्ताओं को 'आतंकी' बताते हुए मुख्यमंत्री पी. विजयन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप लगने के बाद जल्द जाँच करने को लेकर पुलिस पर दबाव बना। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, अलपुझा के एसपी जी जयदेव ने कहा कि गिरफ्तार आरएसएस कार्यकर्ता प्रसाद और रथीश पीड़ित के गांव मन्नानचेरी से हैं और हत्या के पीछे कथित साज़िश में उनकी भूमिका थी।
एसपी ने कहा कि गिरफ्तार लोगों ने एसडीपीआई नेता पर हमला करने वाले हमलावरों के लिए वाहन की व्यवस्था की थी। उन्होंने कहा कि हत्या को अंजाम देने वालों सहित आठ अन्य को गिरफ्तार किया जाना बाक़ी है।
अलपुझा शहर में बीजेपी नेता रंजीत के घर के पास लगे सीसीटीवी फुटेज में छह दोपहिया वाहनों पर 12 लोग उसकी गली में प्रवेश करते दिखते हैं। पुलिस ने कहा कि रंजीत पर हमला अप्रत्याशित था क्योंकि वह राजनीतिक विरोधियों की हिट लिस्ट में कभी नहीं थे।
अलपुझा में दो हत्याओं के मद्देनज़र राज्य के पुलिस प्रमुख अनिल कांत ने अगले तीन दिनों के लिए राज्य भर में चौकसी कड़ी करने का निर्देश दिया है। इसके तहत वाहनों की जांच की जाएगी और सार्वजनिक स्थानों पर अधिक पुलिस पिकेट सुनिश्चित किए जाएंगे। अगले तीन दिनों तक जुलूस और लाउडस्पीकर का उपयोग प्रतिबंधित रहेगा।
इधर जिला प्रशासन द्वारा सोमवार शाम को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया क्योंकि बीजेपी ने बैठक का बहिष्कार करने का फैसला किया था।
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