केरल के अलपुझा में बीजेपी नेता रंजीत श्रीनिवासन की आज सुबह हत्या कर दी गई है। वह भाजपा ओबीसी मोर्चा के राज्य सचिव थे।
हत्या का आरोप पीपल्स फ़्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआई) पर लगा है। इसी ज़िले में कल सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ़ इंडिया के राज्य सचिव के. एस. शान की भी हत्या कर दी गई थी।
मुख्यमंत्री पी. विजयन ने दोनों हत्याओं की कड़ी निंदा की है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा है कि सीएम ने पुलिस अफ़सरों को निर्देश दिए हैं कि हमलावरों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की जाए।
दोनों घटनाओं के मद्देनज़र अलपुझा शहर में धारा 144 लगा दी गई है, ताकि लोग किसी तरह से क़ानून व्यवस्था भंग न कर सकें।
राजनीतिक असर
केरल में बीजेपी नेता की हत्या ने राजनीतिक रंग लेना शुरू कर दिया है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सी. टी. रवि ने पीएफ़आई के कार्यकर्ताओं को 'आतंकी' बताते हुए मुख्यमंत्री पी. विजयन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगा दिया है।
केरल में इस हत्या की गूंज आज ही यूपी में भी सुनाई दे सकती है। बीजेपी इस घटना का इस्तेमाल चुनाव मोड में आ चुके उत्तर प्रदेश में कर सकती है।
केरल में पीएफआई के कार्यकर्ता आमतौर पर मुसलिम हैं। केरल में सीपीएम, कांग्रेस, पीएफआई और बीजेपी कार्यकर्ताओं की भिड़ंत की ख़बरें आए दिन आती हैं।
इससे पहले भी कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या केरल में हो चुकी है। हालाँकि ऐसा नहीं है कि सिर्फ़ बीजेपी कार्यकर्ताओं की ही केरल में हत्याएँ हुई हैं।
सीपीएम, कांग्रेस और पीएफआई के कई कार्यकर्ताओं की हत्याएं राज्य में हो चुकी हैं।
रंजीत श्रीनिवासन पेशे से वकील थे। पुलिस इस बात की जाँच कर रही है कि क्या वाक़ई इस घटना का संबंध पीएफआई से है?
रंजीत 2016 में बीजेपी से विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। उनकी ज़मानत ज़ब्त हो गई थी।
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