सांप्रदायिक संगठनों का यह चरित्र ही होता है कि वे एक ख़ास उपासना पद्धति अपनाने का आग्रह रखते हैं, तथा उस आग्रह को लागू करने के लिए, सत्ता प्राप्ति के लिए भी प्रयत्नशील रहते हैं। आरएसएस भी ऐसा ही एक सांप्रदायिक संगठन है जो पिछले 90 वर्षों से अपनी उपासना पद्धति को भारत भर में लागू करने के लिए अलग-अलग समय पर सत्ता प्राप्त करने के अलग-अलग हथकंडे अपनाता आ रहा है।
बीजेपी की हताशा को दिखाता है ‘ऑपरेशन लोटस’
- चुनाव 2019
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- 19 Jan, 2019

बीजेपी का ‘ऑपरेशन लोटस’ कर्नाटक में फ़्लॉप रहा। उसे आशंका है कि लोकसभा चुनावों में उसकी सीटें घटेंगी, इसलिए राज्य की सत्ता हथियाने के लिए वह इस ऑपरेशन में जुटी थी।
अपने उद्देश्य की प्राप्ति हेतु संघ, जनसंघ से लेकर बीजेपी जैसे राजनीतिक दल भी खड़ा करता है, सामाजिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक संस्थान भी चलाता है, 1977, 1999 की तरह दूसरे दलों के साथ गठबंधन भी करता है, वाजपेयी से लेकर योगी जैसे चेहरों को आगे भी करता है। उसकी हर कृति देश, काल, परिस्थिति के सापेक्ष ही होती है, नैतिकता निरपेक्ष भी।