पुलवामा आतंकी हमले से देश वैसे ही आक्रोशित है जैसे उरी, नागरोटा और पठानकोट जैसे हमलों के बाद था। संसद पर हमला, मुंबई में आतंकी हमले और करगिल युद्ध के वक़्त भी तो देश कमोबेश ऐसे ही आक्रोश में नज़र आया था। तो फिर इस बार अलग क्या है? एक पत्रकार के नाते मैं दो दिनों से इसी सवाल का जवाब तलाश रहा हूँ।
मोदी जी! आतंकियों से निपटने की 'खुली छूट' सेना को कब नहीं थी?
- पुलवामा हमला
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- 17 Feb, 2019
मोदी राज में आतंकी हमलों, शहीद सैनिक और नागरिकों, आतंकवाद की राह पर जाने वाले युवाओं की संख्या बढ़ी है। पहले की सरकारों की तुलना में मोदी सरकार कश्मीर मोर्चे पर नाकाम रही है।
