अनुच्छेद 370 में फेरबदल के बाद बनाए गए नए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में अब डिलिमिटेशन यानी परिसीमन की प्रक्रिया शुरू हो गई है। चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर में चुनाव से पहले निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन पर आंतरिक चर्चा शुरू कर दी है। इसके ज़रिए अब नए सिरे से जम्मू-कश्मीर में लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र बाँटे जाएँगे। परिसीमन के बाद जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 7 सीटों का इज़ाफा होगा। माना जा रहा है कि इसका फ़ायदा बीजेपी को मिल सकता है। विपक्षी पार्टियाँ आरोप लगाती रही हैं कि बीजेपी परिसीमन कर धार्मिक आधार पर बाँटने की कोशिश में जुटी है और इससे बीजेपी को सरकार बनाने का मौक़ा मिलेगा। इस मामले पर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती और उमर अब्दुल्ला लगातार हमले करते रहे हैं।
कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया शुरू, क्या बीजेपी होगी फ़ायदे में?
- जम्मू-कश्मीर
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- 14 Aug, 2019
अनुच्छेद 370 में फेरबदल के बाद बनाए गए नए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में अब डिलिमिटेशन यानी परिसीमन की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

जम्मू-कश्मीर में निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के लिए बीजेपी लंबे समय से प्रयासरत थी, लेकिन अब जाकर अनुच्छेद 370 में बदलाव के बाद इस रास्ता साफ़ हुआ है। जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के अनुसार केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में सीटों की संख्या 107 से बढ़कर 114 हो जाएगी। यह अधिनियम यह भी साफ़ करता है कि परिसीमन 2011 की जनगणना के आधार पर होगा और 2026 तक के लिए ऐसी ही व्यवस्था रहेगी।